धनबाद (DHANBAD) : धनबाद भाजपा में यह सब क्या हो रहा है. पहले झरिया फिर बाघमारा और रविवार को यानी आज धनबाद में भाजपा के कार्यकर्ता जुटे, बैठक की, नारेबाजी की. धनबाद की बैठक में सिर्फ निशाने पर महानगर जिला अध्यक्ष श्रवण राय ही नहीं थे, बल्कि विधायक राज सिन्हा, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी,सरोज सिंह भी थे. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की बैठक हो रही है. महानगर जिला अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी हो रही है. आरोप लगाया जा रहा है कि कमेटी के गठन में पारदर्शिता नहीं बरती गई है. झरिया की बैठक में तो महानगर अध्यक्ष निशाने पर थे. बाघमारा में भी बैठक हुई, वहां भी महानगर अध्यक्ष टारगेट में थे.
धनबाद में हुई बैठक काफी हंगामेदार रही
आज धनबाद में हुई बैठक काफी हंगामेदार रही. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भी निशाने पर लिया गया. इस बैठक के पीछे की राजनीति क्या है. पर्दे के पीछे से किसका गेम है. यह तो साफ नहीं हो रहा है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि कार्यकर्ताओं की पीठ पर "मजबूत हाथ" है. कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भंजाने का प्रयास हो रहा है. बात तो पहले से ही कहीं जा रही थी कि अब पूर्व सांसद पशुपतिनाथ सिंह के समय की भाजपा नहीं है. अब भाजपा बदली-बदली सी दिख रही है. कार्यकर्ताओं को जहां अपनी शिकायत उचित प्लेटफार्म पर रखना चाहिए थी, वहां बैठक कर सार्वजनिक बयान दे रहे है. इससे यह भी संकेत निकल रहा है कि कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ है. सवाल किये जा रहे है कि आखिर ऐसा करने का मकसद क्या है.
विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं की पीठ पर किसका हाथ
अगर महानगर जिला अध्यक्ष को हटाना ही मकसद है, तो इसके लिए यह सब करने की क्या जरूरत है. पर विरोध कर रहे नेता कह रहे हैं कि उन्हें किसी का समर्थन नहीं है, वह स्वयं विरोध कर रहे है. धनबाद की भाजपा अब बदली-बदली सी दिख रही है. झरिया में कार्यकर्ताओं ने महानगर जिला अध्यक्ष को हटाने की मांग कर डाली. यह सब हुआ अग्रवाल धर्मशाला झरिया में. दरअसल, भाजपा की अंदरूनी राजनीति का यह सब प्रतिफल है. धनबाद जिला ग्रामीण भाजपा समिति की घोषणा के बाद धनबाद जिला महानगर कमेटी की घोषणा की गई थी. इसके अलावा कई मंडल अध्यक्षों को भी बदल दिया गया है. नतीजा हुआ है कि विरोध के स्वर फूट रहे है. कार्यकर्ता सीधे मांग कर रहे हैं कि महानगर जिला अध्यक्ष को हटाया जाए. यह अलग बात है कि प्रदेश समिति तक यह बात किस स्तर से पहुंचाई जा रही है, इसका खुलासा नहीं हुआ है.
ग्रामीण जिला कमिटी की घोषणा पर भी विरोध हुआ था
लेकिन महानगर जिला कमेटी के गठन को लेकर विरोध तेज हो गया है. यह विरोध चुनाव के ठीक पहले शुरू हुआ है. ग्रामीण जिला कमिटी की घोषणा पर भी विरोध हुआ था. महानगर की घोषणा होने पर भी विवाद और विरोध बढ़ने की संभावना थी, जो सच साबित हो रही है. 23 सदस्य वाली धनबाद भाजपा ग्रामीण जिला कमेटी की घोषणा होते ही विरोध शुरू हो गया था. कहा गया था कि नई कमेटी में सिर्फ सिंदरी विधानसभा क्षेत्र से 11 पदाधिकारी है. इनमें जिला अध्यक्ष के अलावा दो महामंत्री तथा चार उपाध्यक्ष शामिल है. लोकसभा चुनाव के पहले से ही धनबाद जिला महानगर और ग्रामीण कमेटी का गठन पेंडिंग था. पहले कहा गया कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए फिलहाल इसे स्थगित रखा गया है. लोकसभा चुनाव के बाद इसकी घोषणा की जाएगी. घोषणा तो हो गई, लेकिन विरोध भी शुरू हो गया है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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