धनबाद(DHANBAD): झारखंड में चल रही चुनावी राजनीति आगे अभी किसकी- किसकी कुर्सी छिनेगी यह कहना, अभी मुश्किल है. सिर्फ भाजपा ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी जमीन तैयारी करने में जुट गई है. इस क्रम में कई जिला अध्यक्षों की कुर्सी भी जा सकती है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर अब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बन गए है. कांग्रेस ने विधायक दल के नेता की कुर्सी आदिवासी नेता को सौंप दी है. अब इसके बाद सवाल बड़ा हो चला है कि क्या कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश अपने "मंत्रिमंडल" का बदलाव करेंगे? क्या जिला से लेकर प्रदेश कमेटी में बदलाव होगा? जाहिर सी बात है कि जिला अध्यक्षों में बहुत सारे ऐसे हैं, जो राजेश ठाकुर के प्रति हमदर्दी रखते है. कांग्रेस के जिला अध्यक्षों को लेकर भी कई तरह की बातें कहीं -सुनी जा रही है. अमूमन कोई भी नया पदाधिकारी आता है तो वह अपने अधीनस्थ लोगों को अपने अनुसार करने की कोशिश करता है.
कई जिला अध्यक्ष आएंगे चपेट में
शायद इसी क्रम में झारखंड के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी आज नहीं तो कल आगे बढ़ेंगे. ऐसे में कई जिला अध्यक्ष इसकी चपेट में आएंगे. चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष को बदलकर एक बड़ा संदेश दे दिया है. बता दिया है कि जिला अध्यक्ष भी नपेंगे, जिनका रिपोर्ट कार्ड सही नहीं होगा. वैसे कई ज़िलों में बहुत सारे लोग जिला अध्यक्षों को हटाने के लिए अभी से ही जुट गए है. जाहिर है विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह सब कदम उठाये गए है. झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया है. तो फिर सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या पिछड़ा वोट बैंक,विशेष कर कुरमी वोट बैंक साधने के लिए कांग्रेस ने केशव महतो के कंधों पर जिम्मेवारी दी है. राजनीतिक क्षेत्र में यही चर्चा है कि कुरमी जाति को साधने के लिए कांग्रेस की ओर से यह कदम उठाया गया है. वैसे झारखंड में ओबीसी की आबादी लगभग 42% है. इसको देखते हुए भी कांग्रेस ने इस समाज के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कमलेश के सामने कांग्रेस और गठबंधन के पक्ष में ओबीसी वोट को गोल बंद करने की सबसे बड़ी चुनौती होगी. इसके लिए जिला लेवल पर भी बदलाव के संकेत है.
सिल्ली इलाके में होगी अग्नि परीक्षा
जिस क्षेत्र सिल्ली से वह आते हैं, वहां से झारखंड बनने के बाद आजसू और झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक हुए हैं. झारखंड की वर्तमान राजनीति में जयराम महतो बड़ा फैक्टर बनकर उभरे हैं.वह भी कुरमी समाज से आते है.ऐसे में नवनियुक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के सामनेअपने विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ राज्य के दूसरे विधानसभा क्षेत्र में भी ओबीसी मतदाताओं को एक जुट करने की एक बड़ी चुनौती होगी. केशव महतो एकीकृत बिहार में सिल्ली से दो बार विधायक रह चुके हैं. बिहार सरकार में वे मंत्री भी बने थे. पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी कि कांग्रेस झारखंड में संगठन में बड़ा परिवर्तन करने जा रही है. इसके लिए लगभग 20 नेताओं को दिल्ली बुलाया गया था. सबसे अलग अलग बातचीत की गई थी. उसके बाद यह निर्णय लिया गया है. झारखंड बनने के बाद पहले अध्यक्ष बने थे इंद्र नाथ भगत, उसके बाद प्रदीप बालमुचू, फिर थॉमस हांसदा, उसके बाद सुशीला केरकट्टा, फिर सुखदेव भगत, उसके बाद डॉक्टर अजय कुमार फिर डॉ रामेश्वर उरांव, उसके बाद बने थे राजेश ठाकुर और अब नए बने हैं केशव महतो कमलेश.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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