रांची(RANCHI): ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार पर ED ने दबिश बनाया है. इनके 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी चल रही है. अबतक की छापेमारी मे करोड़ों रुपये के दस्तावेज और जेवरात बरामद हुए हैं. इसके अलावा वीरेंद्र के पास दर्जनों में लक्जरी गाड़ी होने की भी जानकारी मिली है. वीरेंद्र राम के कई ठिकानों पर 2019 में भी एसीबी ने छापेमारी की थी. इस छापेमारी में उनके करीबी आलोक रंजन के पास से 2.90 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे.
वीरेंद्र राम का पॉलिटिकल कनेक्शन काफी मजबूत
बताया जाता है कि वीरेंद्र राम का पॉलिटिकल कनेक्शन काफी मजबूत है. इसके जरिए ही वह मुख्य अभियंता के पद पर बने रहे. इन साहब पर तो एसीबी ने भी कार्रवाई की थी. कई सबूत भी जुटाए थे, लेकिन कोई एक्शन नहीं हो सका.
इसी केस को आधार बना कर ईडी ने जांच शुरू किया है. ED यह जानने की कोशिश कर रही है कि इंजीनियर ने कितना अवैध तरीके से कमाई किया है.
भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं इंजीनियर साहब
पिछली और वर्तमान दोनों सरकार में यह अच्छे पद पर बने रहे. ग्रामीण विकास विभाग में वर्तमान में मुख्य अभियंता हैं. लेकिन ग्रामीण इलाकों के विकास के पैसों को इन्होंने अपने जेब में डालने का काम किया है. ग्रामीण क्षेत्रो में विकास के काम कैसे हो रहे हैं, इससे इन्होंने परहेज कर दिया. आंख बंद कर भ्रष्टाचार में अपनी भूमिका निभाई. इसका उदाहरण बुंडू तमाड़ पुल है. यह पुल निर्माण के एक साल के अंदर धराशायी हो गया. इसकी जांच का जिम्मा भी इन्हें मिला. लेकिन, इन्होंने इसकी जांच तो की, लेकिन इसकी रिपोर्ट आज तक नहीं आ सकी.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची
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