दुमका(DUMKA):
रहीम की एक उक्ति है..
खैर, खून, खांसी, खुशी, बैर, प्रीत, मधुपान
रहिमन दाबे ना दबे, जानत सकल जहान
कहने का मतलब है कि आप लाख कोशिश कर लें यह सब छुपता नहीं है
दरअसल दुमका जिला के सरैयाहाट थाना क्षेत्र के तेलहदमगी पहाड़ से पुलिस ने 4 दिन पूर्व एक महिला का शव बरामद किया था. उस समय मृतिका की पहचान नहीं हो पायी थी. लेकिन शनिवार को सरैयाहाट थाना परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में जरमुंडी एसडीपीओ शिवेंद्र ने हत्याकांड का उद्भेदन करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हत्या के पीछे की कहानी भी कम रोचक नहीं है.
मृतिका का नाम जीरा देवी था, जो बिहार के पटना जिला के मनेर थाना क्षेत्र की रहने वाली थी. 45 वर्षीय जीरा देवी 7 बच्चे की माँ थी. उसकी जान पहचान मनेर थाना में दैनिक के आधार पर वाहन चलाने वाले तालाक शुदा सुबोध कुमार से हुई. 12 मार्च 2023 को महिला अपनी सबसे छोटी बेटी जिसकी उम्र 5 वर्ष है को लेकर ससुराल से फरार हो गयी. पटना स्टेशन पर सुबोध से मिली. तय कार्यक्रम के अनुरूप महिला अपनी छोटी बेटी को पटना स्टेशन पर छोड़ कर दुमका जिला के सरैयाहाट थाना के बभनी गांव पहुच गयी. बभनी गांव में मिथुन दास नामक युवक सुबोध का मित्र है. सुबोध महिला के साथ सुबोध के यहाँ रहने लगी. महिला सुबोध पर शादी करने का दबाब बनाने लगी. सुबोध ने जब शादी से इनकार कर दिया तो महिला द्वारा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने की धमकी दी जाने लगी. महिला की यह धमकी उसकी जान का दुश्मन बन बैठा. 23 मार्च की रात जब महिला सोयी हुई थी तो सुबोध ने अपने मित्र मिथुन के साथ मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. उसके बाद शव को बोरी में बंद कर सायकल पर लोड कर पहाड़ की चोटी पर छिपा दिया. शव को ठिकाने लगाने में मिथुन के चाचा, दादा और चचेरे दादा से सहयोग किया.
4 दिन पूर्व ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने पहाड़ से शव को बरामद किया. तकनीकी सेल और गुप्तचर की मदद से पुलिस ने 72 घंटे में हत्या कांड का उद्भेदन कर सभी आरोपी को जेल भेज दिया. एसडीपीओ शिवेंद्र ने बताया कि कांड के संदिग्ध अभियुक्त सुबोध कुमार को मनेर थाना पुलिस के सहयोग से रामपुर दियारा गांव से हिरासत में लिया. पुलिसिया पूछ ताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार्य कर लिया. पुलिस ने पटना स्टेशन लावारिश अवस्था में बरामद मृतिका की 5 साल की बेटी को भी बरामद करते हुए परिजन को सौप दिया.
पहले भी घर से भागी थी महिला
महिला पहले भी दो बार घर से भाग चुकी थी. इसलिए उसके पति और परिवारवालों ने उसकी कोई खोज खबर नहीं ली. सरैयाहाट थाना की पुलिस ने शव की पहचान के लिए पति को बुलाया और पहचान के बाद पति के हवाले कर दिया. इस कांड के अनुसंधान में जरमुंडी एसडीपीओ शिवेंद्र, सरैयाहाट थाना प्रभारी विनय कुमार, सब इंस्पेक्टर आनंद कुमार साहा, एएसआई कामता राम, अनिरुद्ध सिंह, हवलदार वकील यादव, आरक्षी शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अन्धयसन भेगरा, अभिषेक मुर्मू तकनीकी शाखा, मनजीत किस्को शामिल थे. इस तरह शादीशुदा महिला का अवैध प्रेम संबंध का दुःखद अंत हो गया.
रिपोर्ट: पंचम झा
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