रहस्यमयी गुफाओं के साथ बहता झरना, पिकनिक के लिए बोकारो झुमरा पहाड़ है बेहद खूबसूरत

बोकारो(BOKARO): पिकनिक का मौसम है छुट्टियों का मजा है ऐसे में बस उठाइए समान और निकाल जाईए प्रकृति की गोद में सुकून के खूबसूरत पल बिताने. साल भर की भागा दौड़ी और टेंशन को कुछ दिनों के लिए कहिए बाय बाय और चले आईए बोकारो की खूबसूरत वादियों में अपना नया साल सेलिब्रेट करने. खूबसूरती और कई रहस्यों को अपनी गोद में छिपाये बोकारो जिले का झुमरा पहाड़ वर्षों से सैलानियों के लिये आकर्षण का केन्द्र रहा है. जब अंग्रेजी हुकूमत का दौर था, तो इस पहाड़ पर विदेशी पर्यटक नववर्ष का आनंद लेने घोड़ों पर सवार होकर आते थे, लेकिन वर्तमान समय में अंग्रेज तो यहां नहीं आते,अलबत्ता कुछ लोगों के पास घोड़े हैं, जिन्हें ग्रामीणों आवागमन में सहयोग के लिए इस्तेमाल करते हैं. 90 के दशक में झुमरा पहाड़ पर नक्सलियों के चहल-कदमी के वजह से इस पहाड़ पर सैलानियों का आवागमन कम हो गया. समयांतराल में सीआरपीएफ बटालियन के कैंप रहावन व झुमरा में खुलने के बाद नक्सलियों का वर्चस्व कम हो गया,जिसके बाद पुन: सैलानियों का आना-जाना शुरू हो गया. अब तो सरकार की ओर से सड़कों का जाल झुमरा पहाड़ पर बिछाये जाने के बाद पर्यटकों के लिये यह पहाड़ पुन: स्वर्ग बन गया है. दूर से देखने पर यह पहाड़ हरियाली के स्वर्ग जैसा दिखाई पड़ता है.
देखने योग्य है कई रहस्यमयी गुफ़ाएं
इस पहाड़ पर कई रहस्यमयी गुफायें है, जो देखने लायक है. इसके अलावे पहाड़ के बगल में कलकल बहता हुआ चुटूआ व बगलता नदी है. यहां जड़ी बूटियों का भंडार है. कई आकर्षक मीठे पानी के झरने है. इसके अलावे कई ऐसे वृक्ष है, जो देखने लायक है. इस पहाड़ पर जाने के लिये दोपहिया वाहन से लेकर चारपहिया वाहन का उपयोग कर सकते हैं. झुमरा पहाड़ गोमिया प्रखंड से 60 किलोमीटर दूर है, जबकि रामगढ़ मुख्यालय से 40 किमी दूर है. रामगढ़ के केदला होते हुए हुरदाग व पचमों के बाद झुमरा पहाड़ एवं बोकारो से गोमिया-ललपनिया के रास्ते रहावन पचमो होते झुमरा पहाड़ पहुंचा जा सकता है. कुल मिलाकर कहा जाए कि यह स्थल एक नयी दुनिया में होने का बोध कराता है, जो गलत नहीं होगा. वहीं इस पहाड़ की खूबसूरत बनाने में सीआरपीएफ के जवानों की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण रहा. सीआरपीएफ कैंप स्थापित होने के बाद विगत कई वर्षों से सीआरपीएफ के जवान इस क्षेत्र व यहां के निवासियों के लिये कई सराहनीय कदम उठाने का काम किया, जो झुमरा पहाड़ के लिये एक वरदान साबित हुआ है.
रिपोर्ट:संजय कुमार, बोकारो
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