जागिये जागिये - नहीं तो धनबाद-झरिया सड़क कोई न कोई अनर्थ कर देगी, जानिए क्या है मामला


धनबाद (DHANBAD): धनबाद-झरिया सड़क ज़िले के 29 लाख लोगो को चिढ़ा रही है. साथ ही जनप्रतिनिधियों को ललकार रही है कि अगर हिम्मत है तो मेरी मरम्मत करा कर दिखाओ. धनबाद-झरिया सड़क बस्ताकोला के अगल-बगल में तालाब में तब्दील हो गई है. आप कह सकते हैं कि 29 लाख लोगो के सामने यह साइलेंट किलर बन गई है. सब कुछ के बावजूद बच्चे सजग हैं, लेकिन अधिकारी नहीं. दो पहिया वाहन चालक अगर सड़क से गुजर रहे हैं तो उनका गिरना लगभग तय है. जिन्हें पहले से जानकारी है, वह तो बच बचाकर किसी प्रकार निकल लेते हैं, लेकिन अनजान लोग सड़क के गड्ढे में फंस कर पलट जाते हैं.
सड़क में भर गया है पानी, गिर रहे हैं वाहन चालक
हाल के दिनों में हुई बारिश से सड़क में पानी भर गया है. लोगों को अंदाज नहीं आता कि गड्ढा कितना बड़ा है और लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. जानकारी के अनुसार एनएच को मरम्मत का ठेका भी मिला है, लेकिन पाइप लाइन के काम ने विघ्न डाल दिया है. जानकार लोग बताते हैं कि पाइप बिछाने का काम धीमी गति से हो रहा है और जो सावधानी बरतनी चाहिए नहीं रखी जा रही है. नतीजा है कि सड़क पर चलना अपनी जान जोखिम में डालने के समान हो गया है. आश्चर्य तो तब होता है जब जिन-जिन जगहों पर खतरा है, वहां कम से कम एक बोर्ड या कोई पहचान भी लगा दिया जाता तो लोग सावधानी पूर्वक आना-जाना करते. लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया है.
बच्चों ने लगा दिया है चेतावनी का बोर्ड
इस चिंता के बाद इलाके के बच्चों ने एक बोर्ड लगा दिया है, जिस पर लिखा हुआ है संभल कर चलें, यहां खतरा है. भले ही इसे कोई गंभीरता से न ले, लेकिन इसके पीछे एक बड़ा संदेश छुपा हुआ है. सारी व्यवस्थाएं सुस्त पड़ी हुई हैं. झमाड़ा की पाइप लाइन बिछाने के कारण सड़क मरम्मत का काम नहीं हो पा रहा है तो उसकी भी भी जिम्मेवारी बनती है कि लोगों को सचेत करें और बताएं कि बचकर चलें. आपको बता दें कि बूढ़ी हड्डियों वाली झरिया शहर की आंचल में इतनी आर्थिक ताकत है कि भूमिगत आग से खतरा के बावजूद लोग झरिया छोड़ना नहीं चाहते. यह बात अलग है कि किस्तवार झरिया की जान ली जा रही है बावजूद अभी लोगों के आने-जाने का सिलसिला कम नहीं हुआ है.
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