रांची(RANCHI): - झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन 6 दिनों के बाद झारखंड लौट रहे हैं. वह अपने गृह राज्य तमिलनाडु गए हुए थे. वहां पर अनेक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया उनके आने का इंतजार हो रहा है. यह इंतजार राजनीति में दिलचस्पी लेने वालों को हो रही है. झारखंड में जो वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य है,उसी के आलोक में राज्यपाल की भूमिका की चर्चा हो रही है.
क्या हो रही है झारखंड में चर्चा
वर्तमान राजनीतिक माहौल में यह विषय चल रहा है कि आखिर हेमंत सरकार ने गांडेय विधानसभा सीट क्यों खाली करवाई और इसका क्या मतलब है. मतलब साफ है कि सरकार को लग रहा है कभी भी खतरा उत्पन्न हो सकता है. इसलिए एक सीट खाली करवाकर रखा हुआ है .उपचुनाव की व्यवस्था सोच ली है.अब यहां अलग बात है कि उपचुनाव कराने का समय रहा है या नहीं, यह तो चुनाव आयोग कुछ दिनों में बता पाएगा. क्योंकि इसमें कुछ तकनीकी मामला फंस रहा है.
इधर राज्यपाल के रविवार की शाम आने का कार्यक्रम निश्चित है. लोगों को इंतजार है कि राज्यपाल संभवत चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संबंध में खनन लीज से संबंधित मामले की अनुशंसा वाला लिफाफा खुल सकता है.
झारखंड के राजनीतिक पंडित क्या सोच रहे हैं
इसको लेकर राजनीतिक दल के नेताओं में भी जिज्ञासा है.झारखंड में राजनीति किस करवट बैठेगी, सरकार का क्या भविष्य होगा, इन तमाम विषयों पर चर्चा तेज हो गई है.उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सत्तारूढ़ घटक दल के विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात को खारिज कर दिया था कि गांडेय विधानसभा सीट उन्होंने अपनी धर्मपत्नी के लिए खाली करवाई है. उन्होंने कहा है कि अप्रत्याशित स्थिति में इस खाली सीट का उपयोग किया जा सकता है.
वैसे भाजपा नेताओं का कहना है कि राज्यपाल क्या करते हैं, यह उनका मामला है.इसमें पार्टी को कुछ नहीं कहना है. पर भाजपा की ओर से यह आग्रह जरूर किया गया है कि झारखंड में संविधान के प्रावधान की रक्षा की जानी चाहिए.किसी प्रकार का संवैधानिक संकट उत्पन्न नहीं होना चाहिए. भाजपा ने अपने पत्र में राज्यपाल को यह भी कहा है कि कोर्ट के आदेश के अनुरूप अब झारखंड में उपचुनाव नहीं कराया जा सकता. इन तमाम अटकलों के बीच राज्यपाल झारखंड आ रहे हैं तो लोगों की आंखें जरूर चमकने लगी हैं. आगे क्या होगा, यह कुछ स्पष्ट नहीं है. सब कुछ अनुमान पर चल रहा है.किसी का कहना है कि लिफाफा अब खुलेगा ही नहीं.कोई कह रहा है लिफाफा ही खुलेगा और उसके साथ ही बवंडर होगा. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कुछ ना कुछ खास होने जा रहा है लिफाफा खुले या फिर कोई और राजनीतिक डेवलपमेंट हो कुछ जरूर हो सकता है. ईडी की कार्रवाई बढ़ सकती है.
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