रांची(RANCHI): भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरीय अधिकारी राजीव अरुण एक्का को मुख्यमंत्री ने अपने प्रधान सचिव पद से हटा दिया. उन्हें पंचायती राज विभाग का प्रधान सचिव बना दिया गया. संदेश साफ है कि राजीव अरुण एक्का के संबंध में भाजपा के द्वारा जारी किए गए वीडियो फुटेज को सरकार सच मान रही है और इस संबंध में तत्काल कार्रवाई की.
जैसे ही यह मामला भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उजागर किया.उसके बाद कुछ ही घंटों में सरकार ने यह बड़ा फैसला लेते हुए राजीव अरुण एक्का का तबादला कर दिया. मुख्यमंत्री के पास प्रधान सचिव भी थे और सचिव भी. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विनय कुमार चौबे मुख्यमंत्री के सचिव हैं. अब सारा कामकाज विनय कुमार चौबे संभाल रहे हैं. विनय कुमार चौबे का वैसे तो रुतबा पहले से अच्छा था ही लेकिन अब बहुत बढ़ गया है. स्मरण हो कि जब हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए तो उस वक्त उन्होंने राजीव अरुण एक्का को अपना प्रधान सचिव नियुक्त किया था. उस समय भी नगर विकास सचिव के तौर पर विनय कुमार चौबे मुख्यमंत्री को सलाह दिया करते थे.
कालांतर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विनय कुमार चौबे को अपना सचिव भी नियुक्त कर लिया. राज्य की ब्यूरोक्रेसी में इस बात की चर्चा पहले से ही थी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सबसे अधिक भरोसा विनय कुमार चौबे पर करते हैं. महत्वपूर्ण विषयों पर सलाह मशविरा उन्हीं से किया जाता रहा है. यह बात राजीव अरुण एक्का को कथित रूप से अच्छी नहीं लगती थी. ब्यूरोक्रेसी में सत्ता के दो ध्रुव बन गए थे. कथित रूप से एक लाइजनर के दफ्तर में सरकारी संचिकाओं का निष्पादन करते हुए राजीव अरुण एक्का की वीडियो फुटेज ने हंगामा खड़ा कर दिया. इस कारण राजीव अरुण एक्का को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद से हटना पड़ा. सरकार इस प्रकरण की जांच भी करवा रही है. मामला आगे भी बढ़ सकता है. भाजपा ने गुरुवार को इस संबंध में ईडी को ज्ञापन भी सौंपा और वीडियो फुटेज भी उपलब्ध कराया है. अब यह ईडी पर निर्भर करता है कि वह इस मामले को टेक अप करती है या नहीं. वैसे सामान्य रूप से कोई भी शिकायत या ज्ञापन कहीं से भी मिलता है तो कोई भी जांच एजेंसी उसको फॉलो अप जरूर करती है.
बदले हालात में विनय कुमार चौबे मुख्यमंत्री का सारा कामकाज संभाल रहे हैं. सारी संचिकाएं उन्हीं के पास जा रही हैं.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अधिकांश विषयों पर उन्हीं से राय मशविरा कर रहे हैं. सरकार गठन के समय से ही विनय कुमार चौबे के मुख्यमंत्री के सचिव बनने की चर्चा तेज थी लेकिन मुख्यमंत्री ने एक संदेश देने के लिए राजीव अरुण एक्का को अपना प्रधान सचिव नियुक्त किया था. राजीव अरुण एक्का भी एक अच्छे अधिकारी माने जाते रहे हैं. हेमंत सरकार के अस्तित्व में आने के बाद से ही विनय कुमार चौबे अपने टैलेंट से सरकार को प्रभावित करते रहे हैं. उन्हें तेजतर्रार और अच्छा अवसर माना जाता रहा है. कई बार समस्याओं के समाधान में वे संकटमोचक की भूमिका निभा चुके हैं.
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