टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-तालिम की रोशनी के बगैर जिंदगी में अंधेरा छा जाता है. बचपन में अगर कलम का साथ न मिले, तो फिर जिंदगी कड़े इम्तहान लेती है. इसलिए माता-पिता की ख्वाहिश रहती है कि उनके बच्चे भी शिक्षा हासिल कर जिवन में अपना मुकाम बनाए. झारखंड सरकार भी कई तरह की योजनाओं चला रही है, ताकि शिक्षा की ज्योति हर गांव-मुहल्ले में जले और हर बच्चा पढ़ाई कर सके. इसे लेकर जिला प्रशासन से लेकर शिक्षा विभाग के मुलाजिम भी पूरी मेहनत औऱ शिद्दत से जुटे हुए हैं. ताकि बच्चों के भविष्य गढ़ने में उनसे कोई कमी न रह जाए. हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ न कुछ शिकायते आ ही जाती है. जिसके समाधान के लिए तरकीब खोजी जाती है, ताकि बेपटरी हो चले इंतजाम को फिर राह पर लाया जा सके
‘सिटी बजाओ, उपस्थिति बढ़ाओ’ अभियान
झारखंड के सिमडेगा जिले में साक्षरता दर बढ़ाने औऱ ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए ‘सिटी बजाओ, उपस्थिति बढ़ाओ’ अभियान चला रखा, ताकि सिटी की आवाज से बच्चे घर से निकलकर स्कूल जाए और तालिम हासिल करें. जिले के गांव-कस्बों में सुबह-सुबह स्कूल की समय से एक देढ़ घंटे पहले छात्र अपने साथियों को बुलाने के लिए सिटी बजाते हैं. आमूमन गांव-गांव में सिटी की आवाज से मिले संदेश को सुनकर छात्र ड्रेस में पूरे तहजीब के साथ स्कूल जाने के लिए चल पड़ते है. जिला शिक्षा विभाग की सिटी बजाने की तरकीब काम आ रही है. इससे स्कूल में छात्रों की मौजूदगी में भी इजाफा हो रहा है. इस सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद शिक्षा विभाग इसे पूरे जिले में लागू करने की कवायाद शुरु करने जा रही है.
हर मुहल्ले में एक छात्र को कमान
‘सिटी बजाओं, उपस्थिति’ बढ़ाओं को जमीन पर उतराने के लिए और इसी पूरी तरह से अमलिजामा पहनाने के लिए पूरी योजना बनाई गई है. हर मुहल्ले के लिए एक छात्र को कमान सौंपी गई है औऱ सिटी भी मुहैय्या कराया गया है. जो सुबह-सुबह आठ बजे मुहल्ले से स्कूल जाते वक्त सिटी बजाता है औऱ अपने साथियों को बुलाता है. ताकि उसके साथ वो भी स्कूल में पढ़ाई करें
कैसे शुरु हुआ ये अभियान
इस अभियान की शुरुआत या फिर तरकीब तब निकाली गई. जब जैक बोर्ड की 10 वीं और 12वीं (विज्ञान) की परीक्षा में सिमडेगा जिला का रिजल्ट राज्य में 23वें स्थान पर रहा. इस खराब परिणाम के बाद ये विश्लेषण औऱ मंथन किया गया तो कई चिजे सामने आई. जिसमे एक बात ये भी देखने को मिली की, छात्रा की मौजूदगी क्लास में कम थी. इसके साथ ही जो भी छात्र निरंतर पढ़ने आए, उनका तुलनात्मक तौर पर रिजल्ट बढ़िया आया. इसके बाद क्लॉस में उपस्थिति बढ़ाने के लिए ‘सिटी बजाओ, उपस्थिति बढ़ाओं अभियान’ की शुरुआत की गई
ग्राम शिक्षा समिति का सहयोग
विभाग ने शिक्षा को लेकर काफी संजीदगी दिखाते हुए ग्राम शिक्षा समिति औऱ अभिभावकों को भी इसमे जोड़ा. समय-समय पर इसे लेकर बैठक की जाती है औऱ उन तमाम चिजों को बारिकी से अध्धयन किया जाता है. जिसे बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरुक किया जाए औऱ उसकी इच्छा को जगाया जाए. इसे लेकर जागरुकता अभियान भी निरंतर अंतराल पर चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान सिमडेगा के माध्यम से प्रोजेक्ट टीम की और से साप्ताहिक परीक्षाओं की शुरुआत की गई.इसके तहत मेंटरशीप कार्यक्रम भी शुरु किया गया. जिसमे 20-25 छात्रों के बीच एक शिक्षक को रखा गया, जो बच्चों को पढ़ाई के हर पहलुओं पर उसकी मदद कर सकें. ये मेंटर शिक्षक बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों से भी संपर्क में रहते हैं, जो बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी कमियों और अच्छाईयों को आकलन कर जानकारियां साझा करते हैं. इससे फायदा ये हो रहा है कि बच्चों को भी ज्ञान के साथ-साथ अपनी कमियों को सुधारने में मदद मिल रही है.
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