देवघर (DEOGHAR): देश में लगभग साढ़े दस करोड़ की आबादी जनजातीय समुदाय का है. इन समुदाय में इनके स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है जो चिंता का विषय बना हुआ है.ऐसे में इन्हें स्वस्थ बनाने की जिम्मेवारी केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय की है.मंत्रालय द्वारा देवघर ऐम्स में दो दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. शनिवार से शुरू हुए इस सम्मेलन का उद्घाटन जनजातीय मामले विभाग के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने द्वीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर ऐम्स अध्यक्ष, निदेशक, स्थानीय विधायक नारायण दास मौजूद रहे. इस सम्मेलन में देश भर के शोधकर्ता, जानकार,विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं.
ऐम्स देवघर को सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस बनाना है-मुंडा
देश की 26 प्रतिशत आबादी ट्राइबल की है. इसमें 700 समुदाय है. इन जनजातियों में एनीमिया, थैलेसेमिया एवं अन्य गंभीर बीमारी इनमें वंशानुगत चली आ रही है. ऐसे में ऐम्स देवघर में इस तरह का सम्मेलन का आयोजन होना स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत, समर्थ भारत का निर्माण हो सकता है. उद्घाटन के मौके पर पहुँचे केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जनजातीय समुदाय में चली आ रही वंशानुगत गंभीर बीमारी पर ऐम्स में शोध किया जाएगा ताकि इस गंभीर बीमारियों से यह समुदाय हमेशा के लिए मुक्त हो सके. अर्जुन मुंडा ने बताया कि आदिवासी समाज और इनके बीमारियों पर शोध कार्य करने के लिए देवघर ऐम्स को जनजातीय मंत्रालय द्वारा centre of excellence बनाया जाएगा. अर्जुन मुंडा ने बताया कि इसके अलावा ऐम्स द्वारा उन जड़ी बूटियों पर भी शोध किया जाएगा जिसका प्रयोग जनजातीय समुदाय द्वारा किया जाता आ रहा है. अर्जुन मुंडा ने कहा कि आने वाले दिनों में जनजातीय समुदाय में चली आ रही परंपरागत बीमारियों से जंग जीत कर उन्हें स्वास्थ्य से स्वाबलंबन की और बढ़ाया जाएगा.
ऐम्स देवघर की अहम भूमिका
देश भर के विभिन्न राज्यों में निवास करने वाले जनजातीय समुदाय अधिकांश का निवास स्थान खनिज संपदा वाले स्थानों पर होता है. देवघर ऐम्स निदेशक डॉ सौरभ वर्षणय ने बताया कि खनिज संपदा वाले क्षेत्रों में होने के कारण कई बीमारियों से वे ग्रसित हो रहे हैं. ऐसे में इन समुदाय के लोगो को बीमारी मुक्त करने के लिए ऐम्स देवघर द्वारा विशेषज्ञों की मदद से व्यापक शोध करेगा. ऐम्स निदेशक ने बताया कि इनलोगो में व्याप्त के बीमारी समझ से परे है जिसे शोध से सामने लाया जाएगा और उस बीमारियों को खात्मा किया जाएगा. ऐम्स निदेशक और अध्यक्ष दोनो ने बताया कि संताल परगना का 5 जिला ऐसा है जहां जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं. ऐसे में दुमका जिला के हंसडीहा में ऐम्स द्वारा सैटेलाइट सेन्टर की स्थापना कर वहां के जनजातीय समुदाय को बीमार मुक्त करेगी.
रिपोर्ट. रितुराज सिन्हा
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