तिरंगा यात्रा और गौरव यात्रा नहीं हो आमने -सामने, इसके लिए क्या किया गया था, आप भी जानिए


धनबाद(DHANBAD): बाघमारा के विधायक और पूर्व विधायक शनिवार को किसी भी प्रकार के टकराव टालने की व्यवस्था कर रखी थी. इनसे पहले बाघमारा के विधायक प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो रह चुके हैं. मामला यह है कि शनिवार को धनबाद से कांग्रेस की गौरव यात्रा केंदुआ ,करकेंद , लोयाबाद होते हुए कतरास जा रही थी और दूसरी ओर विधायक ढुल्लू महतो की अगुवाई में तिरंगा यात्रा बाघमारा से चलकर धनबाद पहुंच रही थी. दोनों के आने जाने का रूट वहीं था. अंदेशा बनी हुई थी कि अगर दोनों के समर्थक आमने-सामने हुए तो टकराव हो सकता है.
मुख्य सड़क से भीतर हुआ था भोजन का इंतजाम
इस वजह से ऐसी व्यवस्था की गई थी कि समर्थक आमने-सामने हो ही नहीं पाए. जानकारी के अनुसार जलेश्वर महतो ने लोयाबाद में मुख्य सड़क से अंदर जाकर गौरव यात्रा में शामिल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं के लिए भोजन की व्यवस्था कराई थी. यह भी टकराव टालने का एक रास्ता ही था. भोजन के पहले पंडाल में भाषण आदि का कार्यक्रम हुआ. ताकि जब तक विधायक ढुल्लू महतो की रैली गुजर न जाए ,तब तक गौरव यात्रा के लोग सड़क पर नहीं आए और ऐसा हुआ भी. विधायक ढुल्लू महतो की रैली गुजर जाने के बाद वह से गौरव यात्रा शुरू हुई. विधायक ढुल्लू महतो की तिरंगा यात्रा में काफी संख्या में बाईके थी और उनके समर्थक उत्साह से चल रहे थे.
कतरास -बाघमारा में टकराते रहते है दोनों के समर्थक
कतरास -बाघमारा में दोनों के समर्थक आपस में टकराते रहते हैं. वाद-विवाद होता है और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ता है. आपको बता दें कि जलेश्वर महतो और ढुल्लू महतो एक दूसरे के राजनीतिक विरोधी हैं. 2000 में जहां जलेश्वर महतो समता पार्टी के टिकट से बाघमारा से विधायक चुने गए थे, वहीं 2005 में जदयू के टिकट पर बाघमारा से विधायक बने. जबकि 2009 में ढुल्लू महतो जेबीएम के टिकट पर बाघमारा से चुनाव जीते, 2014 और 2019 में वह बीजेपी के टिकट पर बाघमारा से चुनाव जीते है. 2019 में ढुल्लू महतो केवल 824 वोट से जीत दर्ज की थी और इस परिणाम के खिलाफ जलेश्वर महतो हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किए हुए हैं, जो कि अभी लंबित है.
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