आज सलोनी पूर्णिमा पर बना है विशेष संयोग, इस विधि से करें पूजा, पढ़ें आज क्यों मनाया जाता है कल्याण दिवस


देवघर(DEOGHAR):आज सावन मास का अंतिम दिन है.तिथि,दिन,मास के महत्व के कारण आज बनता है विशेष संयोग.सावन माह, सोमवार, पूर्णिमा, चंद्रमा की शक्ति के कारण आज भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद मिलेगा.सावन का उपनाम सलोनी है और आज सोमवार राखी पूर्णिमा होने के कारण इसे सलोनी पूर्णिमा भी कहते हैं.
आज ही के दिन रक्षासूत की परंपरा सतयुग से चली आ रही है
जानकर के अनुसार सावन के पांचवें सोमवारी और पूर्णिमा की तिथि को ही सतयुग से रक्षा बंधन की शुरुआत हुई थी.देवघर के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित पंडित दुर्लभ मिश्रा बताते है कि आज ही के दिन सतयुग में वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगा था.आपको बता दें कि राजा बलि अपने पराक्रम और बल से स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था तब सभी देवी देवता भगवान विष्णु से रक्षा करने की गुहार लगाई तब भगवान विष्णु वामन अवतार धारण कर राजा बलि से तीन पग भूमि मांगा था.जब भगवान विष्णु ने तीसरा पग के लिए उन्हें भूमि नही मिला तो उन्होंने राजा बलि के मस्तक पर अपना पग रख दिया.तब राजा बलि ने भगवान विष्णु से कहा कि जो उनके पास था सभी आप ले लिए अब हमारी रक्षा कौन करेगा.राजा बलि ने भगवान विष्णु से अपनी वैभव, संस्कार, साम्राज्य औऱ क्षमता मुकर्रर रहे इसका वचन लिया.तब भगवान विष्णु ने राजा बलि के हाथ में रक्षा सूत बांधा.यह रक्षा सूत वचन के रूप में रक्षा के लिए बांधा गया था, तभी से रक्षा बंधन की परंपरा की शुरुआत हुई.
सतयुग से चली आ रही है रक्षाबंधन की परपंरा
राजा बलि को विष्णु द्वारा कल्याण करने के कारण आज के दिन को कल्याण दिवस के रूप में मनाया जाता है.रक्षा बंधन के दिन बहन अपने भाई को,गुरु अपने शिष्य को, महिलाएं अपने पति को,ब्राह्मण अपने यजमान की कलाई में सूत बांधकर उनकी रक्षा करने का वचन लेती है.इसलिए सावन पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन की परंपरा सतयुग से आज तक चली आ रही है.
इस तरह आज करे पूजा शिव अवश्य करेंगे कल्याण
सावन का अंतिम दिन है आज।शिव का प्रिय महीना आज समाप्त हो रहा है।आज सोमवार और पूर्णिमा है.आज के दिन भगवान शंकर को बेलपत्र, दूध,चावल, दही,घी अर्पित कर गंगाजल से स्नान कराने पर सदैव समृद्ध और धन की आजीवन कमी नही होगी.आज पूजा, दान और गंगा स्नान से भगवान शिव कल्याण करते है.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
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