देवघर(DEOGHAR): सोमवार शिव आराधना के लिए उत्तम दिन माना जाता है. वैसे तो सावन के पावन महीने का हर दिन शुभ होता है लेकिन सोमवारी का अपना अलग ही महत्व होता है. आज सावन माह की छठी और बांग्ला सावन एवं पुरुषोत्तम मास की चौथी और अंतिम सोमवारी है. आज की तिथि और नक्षत्र के अनुसार आज पवित्र शिवलिंग में बेलपत्र, दूध,चावल और चीनी चढ़ाने से लाभ ही लाभ की प्राप्ति होती है. सोमवारी को लेकर देवघर के बाबा मंदिर में अपार भीड़ उमड़ पड़ी है. अहले सुबह से ही लोग कतारबद्ध तरीके से बाबा बैद्यनाथ का जलार्पण और पूजा अर्चना कर रहे हैं.
तिथि और दिन के अनुसार आज दुर्लभ योग बना
आज पुरुषोत्तम मास और बांग्ला सावन की अंतिम सोमवारी है और तिथि के अनुसार श्रावण मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तदुपरांत चतुदर्शी तिथि है जिसे शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम तिथि माना जाता है. आज सोम यानी चंद्रमा में अपार शक्ति होती है. चंद्रमा भोले के मस्तक पर विराजमान हैं ऐसे में आज पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग की आराधना से अपार शक्ति की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि आज लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने देवघर पहुंचे हैं.
दमा और मस्तिक की कमजोरी वालों के लिए सर्वोत्तम दिन
बाबाधाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित पंडित दुर्लभ मिश्रा के अनुसार आज की तिथि,दिन और नक्षत्र ऐसा है जो कई मायनों में दुर्लभ संयोग माना जा रहा है. इनके अनुसार आज पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग पर बेलपत्र, दूध, चावल और चीनी चढ़ाने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है. वहीं बेलपत्र, दूध,चावल ,चीनी के साथ घी चढ़ा कर छाती में लगाने से दमा रोग से मुक्ति मिलती है.
डीसी,एसपी की निगरानी में सुलभ और सुरक्षित जलार्पण कर रहे हैं श्रद्धालु
सुबह निर्धारित समय 3 बज कर 10 मिनट पर मंदिर का पट खुला. तीर्थपुरोहितों द्वारा दैनिक पूजा के बाद सुबह 4.08 बजे से जलार्पण शुरू हुआ. तब से श्रद्धालु लगातार कतारबद्ध हो कर बोल बम और हर हर महादेव के जयकारे के साथ बाबा का सुलभ और सुरक्षित तरीके से जलार्पण कर रहे हैं. बाबा के प्रति इस अदभुत और अटूट आस्था का आलम यह है कि देर रात से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग चुकी थी. उम्मीद की जा रही है कि भीड़ का आंकड़ा 1 लाख के पार चला जायेगा. इस भीड़ को नियंत्रित के लिए पूर्व की ही तरह व्यवस्था की गई है. खुद डीसी विशाल सागर और एसपी अजित पीटर डुंगडुंग द्वारा लगातार मेला क्षेत्र की मॉनिटरिंग की जा रही है.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा
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