टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड में छह सालों के बाद कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस कमिटी का गठन किया है. इन कमेटियों में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष के लिए 11 लोगों को नामित किया गया हैं. वहीं पार्टी ने 35 जनरल सेक्रेटरी, 82 सेक्रेटरी बनाये हैं. प्रदेश कांग्रेस वर्किंग कमिटी में 33 नेताओं को स्थान दिया गया हैं. इसके अलावा 36 लोगों को आमंत्रित सदस्य के रूप में वर्किंग कमिटी में स्थान दिया गया हैं. झारखंड में कांग्रेस ने पहली बार राजनीतिक मामले की समिति का भी गठन किया है. इसके साथ ही पार्टी में विरोध भी शुरू हो गया है. विरोध क्यों हुआ, और इस कमेटी में किसे जगह मिली है, चलिए पूरे विस्तार से जानते हैं.
छह साल पहले बनी थी कमेटी
बता दें कि झारखंड कांग्रेस ने करीब छह सालों बाद जाकर प्रदेश कमेटी का गठन किया है. इससे पहले 2016 में कांग्रेस ने प्रदेश कमेटी का गठन किया था. तब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत थे. मगर, साल भर के अंदर ही नवंबर 2017 में इस कमेटी को भंग कर दिया गया. इसके बाद कांग्रेस के अध्यक्ष भी बदले. पहले डॉ अजय कुमार और फिर डॉ रामेश्वर उरांव प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहें, मगर, अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश कमेटी का गठन नहीं कर पाए. अब जब छह साल बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर हैं तो उनके नेतृत्व में प्रदेश कमेटी, कार्यकारिणी और पहली बार राजनीतिक मामलों की कमेटी का गठन किया गया है.
प्रदेश कमेटी गठन का मुख्य उद्देश्य
कांग्रेस की प्रदेश कमेटी का मुख्य उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरना है. इस कार्यकारिणी और राजनीतिक मामलों की कमेटी में प्रदेश वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ आम कार्यकर्ताओं को भी जगह दी गई है. संभवना है कि इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ेगा और साथ ही वे संगठन की मजबूती के लिए काफी जी-जान से काम करेंगे.
पार्टी के अंदर विरोध भी हुआ शुरू
कांग्रेस प्रदेश कमेटी के गठन के बाद कांग्रेस को उम्मीद थी कि इससे कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और पार्टी को नई मजबूती मिलेगी. मगर, इसके उलट पार्टी के अंदर बगावत शुरू हो गई है. कांग्रेस के नवनियुक्त सचिव साधु शरण गोप ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने प्रदेश सचिव के पद को अपने लिए तौहीन माना है. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि वे बोकारो विधानसभा में 781 वोट लाने वाले जिला अध्यक्ष और 1116 वोट लाने वाले प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते. इसलिए वे प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
एक विरोध ये भी है कि पार्टी के कई कार्यकर्ता ऐसे हैं जो सालों से पार्टी से जुड़े हुए हैं, उन्हें किसी भी कमेटी में कोई स्थान नहीं मिला हैं. वहीं पार्टी एक नेता को कई जिम्मेदारी सौंपे जा रही है. ब्रजेंद्र सिंह को पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके साथ ही उन्हें राजनीतिक मामलो की कमेटी में भी जगह दी गई है. वे धनबाद के पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. इससे पहले भी उन्हें कई जिम्मेदारियां सौंपी गई थी.
मात्र 4 मंत्री और 2 विधायकों को कमेटी मे मिली जगह
कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी समेत राजनीतिक मामलों की कमेटी में कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों के अलावा सिर्फ दो विधायकों को जगह मिली है. प्रदीप यादव और दीपिका पांडेय सिंह वे दोनों विधायक हैं, जिन्हें इस कमेटी में जगह मिली है. इसके अलावा मंत्री आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को कमेटी में शामिल किया गया है. इन चारों मंत्रियों और दोनों विधायकों को प्रदेश कार्यकारिणी और राजनीतिक मामलों की कमेटी में भी शामिल किया गया है. मगर, और किसी भी विधायक को इस कमेटी में जगह नहीं मिली है. इसके अलावा कांग्रेस में 5 महिला विधायक हैं, मगर, सिर्फ एक ही महिला विधायक को इस कमेटी में जगह मिली है. मंत्री और विधायक के अलावा और भी कई ऐसे नेता हैं जिन्हें इस कमेटी में जगह नहीं मिली है, उनके तरफ से विरोध भी शुरू हो चुका है.
राजनीतिक मामलों की समिति का भी गठन किया गया है
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक मामलों की समिति का भी गठन किया गया है, जो तत्काल प्रभाव से ही प्रभावी होगा. राजनीतिक मामलों की समिति में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, सुबोधकांत सहाय, मधु कोड़ा , मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री बादल पत्रलेख, अजय कुमार, प्रदीप बलमुचू, सुखदेव भगत, धीरज साहू, गीता कोड़ा, प्रदीप यादव, बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो,शहजादा अनवर , फुरकान अंसारी, के एन त्रिपाठी, दीपिका पांडेय सिंह, प्रमय झा, गौरव बल्लभ , ब्रजेन्द्र सिंह, कालीचरण मुंडा, भीम कुमार, संजय पासवान, मन्नान मलिक, चंद्रशेखर दुबे समेत 33 को स्थान मिला है.
किसे कहां मिली जगह
महासचिव : आलोक कुमार दूबे, मानस सिन्हा, रवींद्र कुमार वर्मा, मदन मोहन शर्मा, अमूल्य नीरज खलखो, सत्यनारायण सिंह, तनवीर आलम, राकेश सिन्हा, जवाहर महतो, अजयनाथ शाहदेव, कुमार गौरव, संजीव श्रीवास्तव, स्वेता सिंह, विजय खान, राजेश गुप्ता, विनय सिन्हा दीपू, आशिक असारी, चंद्रशेखर शुक्ला, उदय खलमानी, शिवकुमार भगत, डी मंजू कुमारी, परवींदर सिंह, अजय सिंह, बलजीत सिंह बेदी, राजेश रंजन, पुष्पा कुल्लू, डॉ सुशील मरांडी, सुरेंद्र सिंह, रंजन बौपाइ, विनोद कुशवाहा, विजय चौबे, संजय पांडेय, सुरेश बैठा, मदन महतो और विजय सिंह.
विशेष आमंत्रित सदस्य: बृज मोहन गुप्ता, ललन चौबे, संगीता जायसवाल, अशोक यादव, बद्री राम, रामगोपाल बुवनिया, सुरेन राम, सच्चिदानंद चौधरी, एलबी सिंह, निरंजन शर्मा, अशोक सिंह, जगधारी झा, रसनारायण सिंह, अंबर राय चौधरी, मुख्तार आलम, रामकिशन चौधरी, कमाल शहजादा, निर्मल ओझा, मो सिंह सिंह, संजय महतो, बेंजामिन लकड़ा, दीनबंधु बोपाई, लक्ष्मण हंसदा, आनंद सिंकू, अमरजीत मिश्रा सीताराम दीपिका बसरा, अनुलता देवी, बेबी सिन्हा, इकबाल अंसारी, प्रीति दीवान, रियाजउद्दीन खान, तपन चटर्जी और प्रदेश कांग्रेस के सभी विभाग, प्रकोष्ठ और संगठन के अध्यक्ष.
कार्यकारिणी समिति : आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव, मधु कोड़ा, सुखदेव भगत, प्रदीप बलमुच, डॉ अजय कुमार, तिलकणारी सिंह, सुबोध कांत सहाय, फुरकान अंसारी, सीएन दुबे, केएन त्रिपाठी, धीरज प्रसाद साह बनाना, बादल, दीपिका पांडेय सिंह, प्रणव झा, प्र गौरव वल्लभ, रामाश्रय प्रसाद, मन्नान मलिक, रोशन लाल भाटिया, अवध बिहारी सिंह, जेपी गुप्ता, हरिराम जवाहरलाल सिन्टर दीनानाथ तिवारी, राणा संग्राम सिंह, लाल प्रेम प्रकाश नाथ देव, अशोक श्रीवास्तव, एम हुसैन, गुलाम रब्बानी, रघुनाथ पांडे, बलराम पांडे और अनुकूल चंद्र मिश्रा.
प्रदेश सचिव: सीपी संत, राजेंद्र दास, फैयाज कैसर, मनोज कुमार, ईश्वर आनंद, पंकज मिश्रा, अशोक कुमार सिंह, रामाशीष पांडेय, धर्मराज राम, शशि मोहन सिंह, दीनानाथ पांडेय, गोपाल प्रसाद, खगेन महतो, केके शुक्ला, सामंतो कुमार, विनोद सिंह, कमल ठाकुर, रियाज अंसारी, जगदीप भगत, महेंद्र मिश्रा, पीटर मुंडू, नमिता बा, अजय सिन्हा, सनी टोप्पो, शमशेर आलम, रामाकांत आनंद, दुर्गादास, सुरेशधारी राम, कमल आर्य, शमीनुल इस्लाम, लक्ष्मी नारायण तिवारी, अकील रहमान, सुनील सिंह, अवधेश प्रजापति, शाहबाज अहमद, देवीलाल मुर्मू, निजाम अंसारी, ऋषिकेश मिश्रा, अफशरफुल होदा, नरेश वर्मा, शांतनु मिश्रा, अवधेश सिंह, नारायण वर्णवाल, मनोज सहाय पिंकू, राकेश तिवारी, रोशन बारवा, अरविंद कुमार तूफानी, धनंजय तिवारी, चोटराइ किस्कू, अनिल कुमार ओझा, मुक्ता मंडल, पप्पू पासवान, देबो चटर्जी, आलोक तिवारी, अनूप केसरी, प्रमोद सिंह, साधु शरण गोप, रविरंजन, वेद प्रकाश मिश्रा, रामप्रीत प्रसाद, वैभव प्रसाद सिन्हा अमरेंद्र सिंह, बेलेस तिर्की, प्रभात कुमार दूबे, परितोष सिंह, श्रीकांत तिवारी, मयूर शेखर झा, रमेश चिनी, जेबा खान, सीमा सीता एक्का, पिंकी सिंह, चंद्रकला देवी, आभा ओझा, पूर्णिमा पांडेय. प्रिंस सिंह, इंदिरा तूरी, शरत चक्रवर्ती, नागेश्वर सिंह, इसराफिल अंसारी, कमलेश कुमार पांडेय, शबाना खातून और अरबी खातून.
प्रदेश उपाध्यक्ष: डीएन चंपइया, के. एन. झा, कालीचरण मुंडा, प्रदीप तुलस्यान, अजय दूबे, सुल्तान अहमद, भीम कुमार, ब्रजेंद्र सिंह, अनवर अंसारी, मणिशंकर और अनादि ब्रह्म.
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