धनबाद(DHANBAD): झारखंड के दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो का दशकर्म रविवार को उनके पैतृक गांव अलारगो पंचायत के सिमरकुल्ही में संपन्न हो गया. मंगलवार को उनकी बारहवीं होगी. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित झारखंड के कई मंत्री, विधायक, सांसद उपस्थित हो सकते है. लंबी बीमारी के बाद जगरनाथ महतो का हैदराबाद में निधन हो गया था. उनके निधन की सूचना पूरे झारखंड में जंगल की आग की तरह फैली और लोग दुख व्यक्त करने लगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची हवाई अड्डा पर पार्थिव शरीर को कंधा दिया. उनकी अंतेष्टि में भारी भीड़ जुटी. यह भीड़ यह बता रही थी कि दिवंगत नेता के प्रति लोगों में कितना प्रेम और श्रद्धा था.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्पित नेता थे जगरनाथ
जगरनाथ महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्पित नेता रहे और जब से शामिल हुए ,उन्होंने पाला नहीं बदला. झारखंड राज्य आंदोलन में भी गुरुजी के साथ उन्होंने कंधा में कंधा मिलाकर आंदोलन किया. झारखंड में 1932 खतियान मामले के वह प्रबल समर्थक थे. कैबिनेट से जब यह पास हुआ तो सबसे अधिक खुशी उनको हुई थी. यह बात तो सच है कि सचमुच वह टाइगर थे. बीमारी से भी उन्होंने खूब लड़ाई की. यह बात अलग है कि बीमारी उन पर भारी पड़ी और उन्हें दुनिया छोड़ जाना पड़ा. इलाके के लोग आज भी उन्हें याद कर आंसू बहाते हैं और कहते हैं कि उनकी पीड़ा अब कौन सुनेगा, वैसे अभी भी झारखंड में शिक्षा मंत्री का पद खाली है. इस पद को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है. कोई कहता है कि टुंडी के झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक मथुरा महतो इस पद के प्रबल दावेदार है.
दुहराया जा सकता है मधुपुर का प्रयोग
यह भी कहा जा रहा है कि मधुपुर में झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता की मौत के बाद उनके बेटे को पहले मंत्री बनाया गया और फिर वह चुनाव जीते. हो सकता है कि जगरनाथ महतो के पुत्र को भी मंत्री बना दिया जाए और उसके बाद वह डुमरी विधानसभा क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाएं, मधुपुर में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक बड़ा रिस्क लिया था और यह प्रयोग झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए सफल रहा. इसलिए भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि डुमरी सीट से जगरनाथ महतो के बेटे को ही या उनके किसी परिजन को चुनाव लड़ाया जाए. वैसे झारखंड में अभी भी 12 वे मंत्री का पद खाली है. 2014 से लेकर 2019 तक भी यह पद खाली था. रघुवर दास की सरकार में कोई भी 12 वा मंत्री नहीं बना. गठबंधन की सरकार को भी साढ़े तीन साल हो गए हैं, लेकिन अभी भी 12 वे मंत्री का पद खाली है. मंगलवार को टाइगर जगरनाथ का श्राद्ध कर्म पूरा होने के बाद हो सकता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का केंद्रीय नेतृत्व उस पर कोई निर्णय ले सके.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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