रांची(RANCHI )- रांची का यह मर्डर केस काफी हाई प्रोफाइल रहा है. इस मामले में बड़े नाम शामिल हैं.एच ई सी के सभी नेता राणा संग्राम सिंह के बेटे यशवंत सिंह की हत्या का यह मामला है. इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. यह हत्या 2015 में हुई थी.
यशवंत सिंह हत्या कांड मामले में सजा सुनाई गई
धुर्वा एच ई सी के श्रमिक नेता राणा संग्राम सिंह के बेटे यशवंत सिंह की हत्या 10 अक्टूबर 2015 को कर दी गई है. इस हत्याकांड मामले में रिश्तेदार ही शामिल थे. मुख्य आरोपी अमर सिंह और अन्य तीन लोग आरोपी बनाए गए. अमर सिंह मृतक यशवंत सिंह के बड़े भाई राम इकबाल सिंह का दामाद है. इस परिवारिक मर्डर केस में अमर सिंह ने यशवंत सिंह को अपनी लाइसेंसी राइफल से गोली से भून दिया था. उस समय यशवंत सिंह और राणा प्रताप सिंह मॉर्निंग वॉक कर रहे थे.इस घटना में राणा प्रताप सिंह भी घायल हो गए थे.
घटना के तीन बताया जा रहा था कि अमर सिंह अपनी गाड़ी से वहां पहुंचा. यशवंत सिंह और राणा प्रताप सिंह दोनों घूम रहे थे. किसी बात को लेकर यशवंत सिंह और अमर सिंह के बीच बकझक शुरू हुई. कहा जाता है की झंझट शुरू होने पर यशवंत सिंह ने पहले अपनी पिस्तौल से फायरिंग शुरू कर दी.उसके बाद अमर सिंह ने राइफल निकाल कर यशवंत सिंह को गोली मार दी और उसी जगह यशवंत सिंह की मौत हो गई.
राणा संग्राम सिंह के सुपुत्र यशवंत सिंह की हत्या मामले में गोली मारने के बाद अमर सिंह सरेंडर कर दिया था. वैसे पुलिस कहती है कि उसे गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले में अमर सिंह के अलावा वंश नारायण सिंह और राजपूत सिंह भी आरोपी थे अपार न्याय आयुक्त योगेश कुमार सिंह ने दोनों पक्ष की डाली सुनने के बाद बुधवार को फैसला सुनाया. अमर सिंह के अलावा अन्य दो यानी वंश नारायण सिंह और रणधीर सिंह को दोषी करार दिया गया है. एक आरोपी को बरी कर दिया गया है. सजा की बिंदु पर 21 सितंबर को सुनवाई होगी. बताया जा रहा है कि पारिवारिक विवाद के पीछे 40 बीघा जमीन और कैमूर किंग बस के संचालन का विवाद था.
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