दुमका (DUMKA): दुमका में इन दिनों चोरी की घटना में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. लगभग 2 महीने के अंदर चोरों ने कई घरों को निशाना बनाया है. पीड़ित थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराते हैं, लेकिन अभी तक पुलिसिया अनुसंधान का नतीजा सिफर ही रहा है. कितने दहशत में है लोग और कितना बेख़ौफ़ है चोर जानिए इस रिपोर्ट में..
उपराजधानी में चल रहा चोर-पुलिस का खेल
दुमका को झारखंड की उपराजधानी का दर्जा प्राप्त है. लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व दुमका विधान सभा उपचुनाव में सीएम के छोटे भाई बसंत सोरेन यहां के जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुए. चुनाव जीतने पर उन्होंने जो अपनी पहली प्रतिक्रिया दी थी, उसमें कहा था कि दुमका को उपराजधानी का दर्जा तो मिल गया लेकिन सुविधा नहीं मिली है. दुमका को उपराजधानी के तरह सजना संवारना उनकी प्राथमिकता होगी. लेकिन ये क्या, हाल के दिनों में यहां चोर और पुलिस के बीच लुका छुपी का खेल चल रहा है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि कल रात शहर के नया पाडा मुहल्ला के एक घर मे लगे सीसीटीवी फुटेज देख कर आप भी यही कहेंगे. दरअसल कल रात नया पाडा मुहल्ला में आधा दर्जन नकाबपोश चहल कदमी करते नजर आए. मुहल्ला में कुछ मिनट पूर्व रात्री गश्ती पर तैनात नगर थाना की पुलिस बाइक से गुजरी. पुलिस के चले जाने के बाद घंटो आधा दर्जन नकाबपोश मुहल्ला में घूमते नजर आए. अनूप कुमार बाजपेयी के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरा को क्षतिग्रस्त कर दिया. चोर चोरी तो नहीं कर पाया लेकिन एक बार फिर दहशत मचा कर चला गया. सभी चोर पेंट और बनयान में नजर आया और सभी सफेद रंग का नकाब पहन रखा था.
जिला में चोरी के आकड़े
कुछ दिन के आंकड़ों को देखें तो लगभग 2 महीने के भीतर यह चौथी घटना है. इसके पूर्व 30 जून की रात भी चोर द्वारा अनूप कुमार बाजपेयी के घर मे चोरी की घटना को अंजाम दिया था. उसके बाद गृह स्वामी की ओर एहतियातन घर के चारो ओर सीसीटीवी लगाया गया. एक सप्ताह पूर्व चोर दिन दहाड़े एक घर के सामने रखे साईकल लेकर आराम से चलता बना. वहीं इसी मुहल्ला में एक कनीय अभियंता के बंद घर मे चोरों ने चोरी की घटना को अंजाम दिया था, जिसमें लगभग 20 लाख रुपये के जेवरात और 5 लाख रुपये नकद चोर के हाथ लगा. वहीं 5 दिन पूर्व रसिकपुर मुहल्ला में एक ही रात चोरों ने 2 घरों को निशाना बनाकर लाखो रुपये के जेवरात और नकद की चोरी कर ली. लोग दहशत के साए में रात रात भर जग कर समय व्यतीत करने को विवश है.
बेख़ौफ़ होकर घटना को अंजाम दे रहे अपराधी
बड़े-बड़े अपराधी को सलाखों के पीछे पहुचाने वाली दुमका पुलिस, मुठभेड़ में खूंखार उग्रवादी को ढेर करने वाली दुमका पुलिस इन दिनों नकाबपोश चोर को नहीं पकड़ पाती है. सवाल उठता है कि आखिर कार्यशैली में बदलाव क्यों हुआ. इस पर कोई भी पुलिस पदाधिकारी कैमेरा के सामने खुल कर नहीं बोलते. जानकारी के अनुसार सावन महीने में बासुकीनाथ धाम में श्रावणी मेला लगता है. जिसके लिए पूरे राज्य से पुलिस पदाधिकारी और जवान को ड्यूटी आवंटित किया जाता है. दुमका जिला के सभी थाना से भी पुलिस को मेला डयूटी में लगाया जाता है. सावन के बाद अन्य जिलों के पुलिस को वापस भेज दिया जाता है, लेकिन मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जिले के पुलिस को भादो महीने में भी बासुकीनाथ में ड्यूटी दिया जाता है. चोर को भी शायद यह बात पता है तभी तो बेख़ौफ़ होकर घटना को अंजाम दे रहा है. लेकिन आम जनता को इससे क्या लेना देना। उन्हें तो सुरक्षा चाहिए जो फिलहाल दुमका पुलिस देने में सफल नहीं हो पा रही है. लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. कभी भी जनांदोलन का रूप ले सकता है.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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