रांची(RANCHI): अभी ईडी का बुलडोजर बन्द भी नही हुआ और सुर्खियों पर फिर से छाया साहेबगंज. जी हां एक बार फिर एक धुंआ साहेबगंज से उठता नजर आ रहा है. इस बार भी मामला पंकज मिश्रा से ही जुड़ा है पर वजह कुछ और है. ऐसा लगता है साहेबगंज पंकज मिश्रा और विवाद इनका कोई गठबन्धन है तभी तो घूम फिर कर बात साहेब गंज और पंकज मिश्रा पर आकर टिकती है. आइए जानते है क्यों फिर से सुर्खिया बटोर रहा साहेब गंज और पंकज मिश्रा.
साहेबगंज के साहेब ने मामला ही कर दिया साफ, पंकज मिश्रा को थमाया क्लीनचिट
साहेबगंज के अधिकारियों ने ईडी द्वारा किये गए केस को ही गलत करार देखर पंकज मिश्रा को थमा दिया क्लीन चिट. इस मामले में साहेबगंज के SP के नाम की चर्चा जोरों पर है. बता दें कि ईडी की कारवाई अभी खत्म नही हुई है जांच और पूछताछ के दौर जारी है ऐसे में साहेबगंज एसपी का अभियुक्त पंकज मिश्रा को आनन फानन क्लीन चिट देना क्या इशारा कर रहा. ईडी जिस केस को आधार बना कर पंकज पर कारवाई कर रही है उसी केस को जिले के अधिकारियों ने फर्जी बता दिया और पंकज मिश्रा को थमा दिया क्लीन चिट.
किसके इशारे पर हो रहा है ये बड़ा खेल !
बता दे अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा लगातार ईडी की रडार पर है. इस मामले में छापेमारी के साथ उनके खिलाफ सबूत ईडी के पास पाए गए जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. और अब इसी मामले में साहेबगंज के अधिकारी उन्हें क्लीनचिट दे दिए. ईडी ने बताया कि कैसे पंकज मिश्रा ने अपने रसूख पर अवैध खनन कर एक हजार करोड़ की काली कमाई किया है.इस मामले की ईडी जांच कर ही रही थी कि एकाएक साहेबगंज पुलिस ने उस पूरे केस को ही फर्जी बताते हुए केस खत्म कर दिया.बड़ी बात ये कि इस क्लीन चीट देने के लिए खुद DIG साहब ने एक प्रेस वार्ता किया.और बताया कि जिस विजय हसदा ने केस किया था उसने केस वापस ले लिया है. आखिर क्यों विजय हांसदा ने केस वापस लिया क्या थी मजबूरी आइए जानते है आगे
आखिर कौन है वो जो केस बन्द करवाना चाहता है ?
मामला बेहद दिलचस्प मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है . जो विजय हांसदा ईडी का गवाह बन चुका है.आखिर उसने ऐसा क्यों किया. ईडी भी इसके पीछे का कारण जानने जेल में बंद विजय हासदा के पास पूछताछ के लिए पहुंच गयी.जब ईडी ने पूछताछ किया तो ईडी को विजय हसदा ने बताया कि उससे जबरन सादे कागज पर हस्ताक्षर लिया गया है.उसने कोई केस वापस नहीं लिया है.उसपर दबाव बना कर जेल से ही केस उठाने की धमकी दी जा रही थी. पूछताछ के बाद ईडी अब यह जानकारी जुटाने में जुटी है कि आखिर किसने दबाव दिया कौन है जो इस केस को बंद करना चाहता है. आइए जानते है आखिर कौन है वो जो केस बन्द कराना चाहता है.
ED की रडार पर साहेबगंज के SP और DSP !
ईडी ने अपनी छानबीन कड़ी करते हुए मामले की तह तक पहुंचने की पूरी कोशिश कर रही.शुरुआती जांच में ईडी को जानकारी मिली है कि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम के केस में जिले के SP और एक DSP की भूमिका संदिग्ध है. SP के निर्देश पर ही DSP ने बिना अनुसंधान के रिपोर्ट जिले के एसपी को भेजा था.जल्दबाजी में एसपी ने DIG को पूरे केस से जुड़ा दस्तावेज भेज दिया.इसमें DIG ने भी जल्दबाजी में प्रेस वार्ता कर केस को फर्जी बता दिया.
सीएम का करीबी है पंकज क्या इसलिए पुलिस उनपर है मेहरबान
पंकज मिश्रा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का करीबी व खास माना जाता है . इस मामले में झारखंड सरकार भी ईडी के निशाने पर है और हेमंत सोरेन से भी एक राउंड पूछताछ हो चुकी है. पंकज पर साहेबगंज की पुलिस और अधिकारी मेहरबान है आखिर हो भी क्यों ना पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का विधायक प्रतिनिधि जो ठहरा. खैर, आइए जानते है कौन है विजय हांसदा
पंकज मिश्रा दिखाता था सत्ता का धौंस आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है?
विजय हसदा भी पत्थर कारोबारी है. विजय हसदा और पंकज मिश्रा दोनों जिले में अवैध खनन कर बाहर स्टोन भेजने का काम करते थे. इतना ही नहीं विजय हांसदा का दबदबा मिर्जा चौकी के तरफ ज्यादा था यह वहां से गुजरने वाली सभी पत्थर लोड गाड़ियों से रंगदारी भी वसूलने का काम करता था. इसी वजह से पंकज मिश्रा और विजय हासदा के बीच हमेशा नोक झोंक होती रहती थी. पंकज सत्ता का धौस दिखा करता था काम
पंकज मिश्रा की सत्ता में अच्छी पकड़ है. इसका फायदा वह अधिकारीयों पर अपने हुकुम चला कर कराता था .बताते चलें पंकज मिश्रा जिले के पहाड़ को काट कर खोखला कर रहा था लेकिन इन सब से जिले के सब अधिकारी बेफिक्र थे. लेकिन जब ईडी का चाबुक चलने लगा तो सबकी धड़कने बढ़ने लगी और इस खेल में एक एक कर सभी खिलाड़ी सामने आ रहे. फिलहाल साहेबगंज के एसपी की भूमिका इस पूरे मामले में ईडी के निशाने पर है. अब आगे इस मामले में क्या होगा ये तो वक्त ही बताएगा अब ईडी की कार्रवाई चल रही है तो सभी के दिलो की धड़कन बढ़ी हुई है
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