बेटे ने बुजुर्ग मां - बाप को पीटा, घर से बाहर निकाला, अब थाना से लेकर प्रशासनिक अधिकारी से लगा रहे मदद की गुहार

कहा जाता है पुत्र कुपुत्र हो सकता है, माता कुमाता नहीं. इस कहावत को चरितार्थ कर रहा है गोड्डा के एक वृद्ध दंपति की कहानी. जिंदगी के 75 बसंत देख चुके इस वृद्ध दंपत्ति की आंखों में आंसू है. ये आंसू खुशी के नहीं बल्कि गम के हैं. गम कोई गैर नहीं बल्कि अपनों ने दिया है और जब गम अपनों से मिलता है तो दिल जरा बेजार होकर रोता है.

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