धनबाद(DHANBAD): धनबाद लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा नेतृत्व चौकस और चौकन्ना है. संगठन महामंत्री धनबाद और बोकारो में बैठक कर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे चुके हैं. लेकिन यह बात भी सामने आ रही है कि धनबाद लोकसभा चुनाव का परिणाम भाजपा के कम से कम चार विधायकों का भविष्य तय करेगा. एक सिंदरी विधायक तो बीमार चल रहे हैं .उनकी पत्नी तारा देवी फिलहाल सक्रिय हैं. लेकिन धनबाद, निरसा, बोकारो और चंदनकियारी के विधायकों के लिए धनबाद लोकसभा सीट भाजपा की झोली में डालना उनके आगे की राजनीति के लिए जरूरी होता दिख रहा है. सूत्र बताते हैं कि ऐसा संकेत पार्टी ने विधायकों को दे दिया है. यह भी कहा जा रहा है कि विधानसभा में प्रदर्शन और वोटो की बढ़त विधायकों के टिकट का पैमाना हो सकता है .यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि धनबाद के विधायक राज सिन्हा और बोकारो के विधायक लोकसभा का टिकट पाने की रेस में थे. लेकिन ढुल्लू महतो ने सबको पीछे छोड़कर टिकट ले ली है.
वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए भाजपा के समक्ष बड़ी चुनौती
वैसे आंकड़े बताते हैं कि 2019 के चुनाव में भाजपा को धनबाद, बोकारो और निरसा में बढ़त मिली थी. सबसे अधिक बढ़त बोकारो, इसके बाद निरसा और उसके बाद धनबाद विधानसभा में भाजपा को मिली थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में निरसा से भाजपा के विधायक भी नहीं थे. उसे समय अरूप चटर्जी निरसा से विधायक थे. उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में अपर्णा सेनगुप्ता ने अरूप चटर्जी को हरा दिया. 2019 के चुनाव में निरसा विधानसभा में भाजपा को मिली बढ़त अपर्णा सेनगुप्ता के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. यह अलग बात है कि इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है .लेकिन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा का वोट का प्रतिशत घटता है तो विधायकों पर टिकट का खतरा मंडरा सकता है. इसके संकेत साफ-साफ मिल रहे हैं .झरिया विधानसभा फिलहाल कांग्रेस के पास है. लेकिन यहां भाजपा की राजनीति रागिनी सिंह कर रही है. रागिनी सिंह के समक्ष भी चैलेंज होगा कि झरिया विधानसभा में भाजपा को कितना अधिक वोट दिलाया जा सके.
महानगर जिला अध्यक्ष श्रवण राय झरिया विधानसभा क्षेत्र में ही रहते हैं. भाजपा ग्रामीण जिला अध्यक्ष बने घनश्याम ग्रोवर सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं. सिंदरी के विधायक बीमार चल रहे हैं. ऐसे में घनश्याम ग्रोवर के सामने भी अपने को साबित करने की चुनौती होगी. वैसे भी पशुपति नाथ सिंह का टिकट कटने से भाजपा का एक गुट नाराज चल रहा है. अभी हाल ही में धनबाद पहुंचे नेता प्रतिपक्ष और चंदनकियारी के विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा था कि जब भी कोई परिवर्तन होता है, तो थोड़ा बहुत विरोध होता है. लेकिन समय के साथ सब ठीक हो जाता है. इसी विरोध को खत्म करने के लिए संगठन महामंत्री ने धनबाद और बोकारो में बैठक की और लोगों को जीत का मंत्र दिया. साथी साथ कुछ कड़े संदेश भी विधायकों को मिले हैं. 2019 के चुनाव में पशुपतिनाथ सिंह को धनबाद लोकसभा क्षेत्र से 8,27,234 वोट प्राप्त हुए थे. यह अलग बात है इंडिया ब्लॉक की ओर से उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है. ढुल्लू महतो के सामने कौन कैंडिडेट खड़ा होगा, इस पर ही बहुत कुछ निर्भर करेगा. इधर चर्चित विधायक सरयू राय भी धनबाद से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं. यह अलग बात है कि धनबाद धनबाद में चुनावी माहौल दिखने लगा है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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