रांची(RANCHI): झारखंड में उत्पाद सिपाही कि दौड़ भले ही खत्म हो गई, लेकिन यह दौड़ कई परिवार को गहरा जख्म दे गया. जो अब किसी भी मरहम से नहीं भरा जा सकेगा. कई अभ्यर्थियों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. शनिवार की सुबह एक और अभ्यर्थी ने रिम्स में इलाज के दौरान जिंदगी की जंग हार गया. जमशेदपुर के रहने वाले मुरमुला सूर्या 12 तारीख को रांची स्मार्ट सिटी सेंटर में उत्पाद सिपाही की दौड़ में शामिल होने पहुंचे थे. 52 मिनट में दौड़ भी पूरी कर ली, लेकिन उसके बाद ज़िंदगी की रेस हार गए.
सूर्या के परिवार के लोगों को फोन कर जानकारी दी गई. बताया गया कि तबियत खराब होने के वजह से सूर्या को रिम्स में भर्ती कराया गया. रिम्स में जब पिता और परिवार के लोग पहुंचे तो उन्हे बताया गया कि बेटा की हालत ज्यादा खराब है. ICU में भर्ती रखा गया है. इस बीच ही शनिवार कि सुबह पांच बजे डॉक्टर ने बताया कि सूर्या अब इस दुनिया में नहीं है. उसकी मौत ब्रेन हैम्बरज के वजह से हो गई
सूर्या के पिता ने बताया कि उससे दौड़ से पहले बात हुई थी. उसने कहा था कि पापा अब वर्दी में ही वापस लौटेंगे. लेकिन वह तो दुनिया से ही चला गया. पिता ने बताया कि घर में कमाई का साधन नहीं है. सूर्या ही घर पर दर्जी का काम भी करता था. जिससे घर चलाया करता था. उन्होंने सरकार से मांग की है कि बेटे की मौत की जांच के साथ परिवार के लोगों की मदद कर दे. साथ ही एक परिवार को नौकरी दिया जाए.
लड़के के साथ दौड़ने वाली साथी ने बताया कि दौड़ को लेकर लंबे समय से वह हर दिन सुबह 3 बजे उठ कर प्रैक्टिस करता था. उत्पाद सिपाही में दौड़ भी उसने 52 मिनट में ही पूरा कर लिया. लेकिन आखिर में नौकरी से पहले मौत ने उसे गले लगा लिया. इस दौरान सेंटर पर कुव्यवस्था की भी बात स्वीकार की गई है. साथ में दौड़ने वाले लोगों ने बताया कि कही भी मेडिकल टीम नहीं थी. जिस दिन दौड़ कराया गया तापमान भी काफी गर्म था. इन सब के बावजूद व्यवस्था कुछ नहीं की गई. अब सूर्या के परिवार के एक सदस्य को सरकार नौकरी के साथ साथ मुआवजा दे.
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