धनबाद(DHANBAD): अपराध की दुनिया में धनबाद के वासेपुर का नाम अब अंतर्राष्ट्रीय हो गया है. श्रेय गया है गैंग्स ऑफ वासेपुर को. गैंगस्टर प्रिंस खान के खिलाफ रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है. इस तरह के अपराध में शायद एकीकृत बिहार के समय का यह पहला मामला है. हालांकि इसके पहले भी रेड कॉर्नर नोटिस धनबाद के मामले को लेकर जारी हुआ था. लेकिन वह मामला दूसरे तरीके के अपराध से जुड़ा हुआ था. रंगदारी और मर्डर ,फायरिंग का नहीं था. बैंकों में कटे-फटे नोट घोटाले में किंगपिन को खोजने के लिए दशकों पहले रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. यह भी चर्चित घोटाला था और बैंकों में कटे-फटे और कागज के नोट लगाकर स्ट्रांग रूम में गड़बड़ी की गई थी. फिलहाल गैंग्स ऑफ वासेपुर के प्रिंस खान को खोजने के लिए रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी हुआ है. इसके बाद अब आगे की कार्रवाई होगी और प्रिंस खान का हो सकता है प्रत्यर्पण.
झारखंड में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तेज
फिलहाल झारखंड में पुलिस सक्रिय हो गई है. अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी साफ शब्दों में कह दिया है कि किसी भी हालत में अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शुक्रवार को उन्होंने उच्च स्तरीय बैठक की और अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए. यह अलग बात है कि परिणाम की अभी प्रतीक्षा करनी होगी. इस बीच झारखंड में सक्रिय 10 संगठित गिरोह झारखंड पुलिस की चूल हिला रहे हैं. एटीएस डीएसपी पर पतरातू में फायरिंग के बाद पुलिस सक्रिय हुई है. वैसे प्रिंस खान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस की प्रक्रिया पहले से ही चल रही थी लेकिन अब उस में तेजी दिखने लगी है. धनबाद के बैंक मोड़ पुलिस की चूक के कारण हैदर अली के नाम से पासपोर्ट बनवा कर प्रिंस खान किसी खाड़ी देश में बैठा हुआ है. वही से गैंग चला रहा है. लगातार रंगदारी के लिए फायरिंग की घटनाएं हो रही है. पुलिस 10, 5 को पकड़ती है तो फिर दूसरे 10-5 इस गिरोह में शामिल हो जाते हैं. गिरोह में तरह तरह के लोग होते हैं. कारोबारी तक पैसे के लालच में इस गिरोह में शामिल रहते हैं. किशोर भी आराम की जिंदगी जीने के लिए अपराध की दुनिया में प्रवेश कर जाते हैं. उन्हें नहीं मालूम होता कि यह एक ऐसी दुनिया है, जिसमें जाने के रास्ते तो खुले हुए हैं ,लेकिन वापस लौटना नामुमकिन नहीं तो कठिन जरूर है.
बहरहाल पुलिस सक्रिय है और जैसी की सूचना है, अमन श्रीवास्तव गैंग के दो लोगों को पकड़ कर लगभग ₹50 लाख बरामद किए गए हैं. झारखंड में सक्रिय 10 संगठित गिरोह के कई मुखिया तो जेल में है ,कुछ बाहर हैं ,कई फरार हैं, प्रिंस खान विदेश भागा हुआ है. ऐसे में झारखंड के जेलों में जैमर की व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है .क्योंकि अधिकतर घटनाएं झारखंड के जेलों से ही संचालित होने के पुलिस को कई सबूत मिल चुके हैं. देखना है अब आगे आगे होता है क्या.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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