रांची(RANCHI): शहर में बढ़ती आबादी और गाड़ियों के हॉर्न से रांची का मुख्य मार्ग और शहर के सभी व्यस्ततम सड़क बेहाल है, घंटों तक जाम में लगी गाड़ियों की लंबी कतारों ने जहां समय को नष्ट किया है वहीं गर्म इंजन ने झारखंड की हवा को भी प्रदूषित करने में अपना योगदान दिया है. रांची के मेन रोड का हाल ये है की लंबी चौड़ी सड़क होने के बावजूद गाड़ियां स्मूथली नहीं निकल सकती क्योंकि आधे से अधिक जगहों पर फुटपाथ दुकानदारों ने अपना साम्राज्य स्थापित कर रखा है. रोज कमाने खाने वाले ये दुकानदार अपनी जीविका इसी दुकान के सहारे चलाते हैं, इस बात को ही ध्यान में रखकर ही प्रशासन ने इनके लिए दुकान की व्यवस्था की थी और इन्हें आवंटित भी किया था . फिर भी ये व्यवसायी फुटपाथ पर ही अपनी दुकान सजा रहे. इस बात से बेखबर प्रशासन न तो सड़क व्यवस्था ठीक कर पा रहा न ही इन फुटकर विक्रेताओं को अपने दुकान को इस्तेमाल करने को कह रहा .
सड़क पर नो वेंडिंग जोन का सपना हुआ धराशाई करोड़ों की लागत से बनी मार्केट भी काम न आई
करोड़ों की लागत से फुटपाथ दुकानदारों के लिए रांची नगर निगम ने मार्केट बनवाया और इन्हें आवंटित किया ताकि शहर की सड़क व्यवस्था दुरुस्त हो, शहर अतिक्रमण से मुक्त हो और बेवजह के जाम व भीड़ और प्रदूषण से शहर स्वचछ रह सके. लेकिन सड़क पर दुकान सजानेवाले ये विक्रेता प्रशासन द्वारा आवंटित दुकान तो ले लिए है लेकिन सड़क पर भी जगह को हथियाए हुए हैं . इन सबके बीच भुक्तभोगी हो रही है जनता जिसे घंटों जाम और समय की हानि का सामना करना पड़ रहा .
रांची मेन रोड : चौड़ी है सड़क फिर भी गड़ियां जाती है अटक
रांची मेन रोड की बात करें तो शहीद चौक फिरायलल से लेकर ओवरब्रिज तक इन फुटकर दुकानदारों का ही साम्राज्य है. सड़क पर गाड़ियों के लिए मुश्किल से जगह बचती है. पैदल राहगीरों को चोट चपेट ठेस लगना रोज की बात है. आधे से अधिक सड़क पर फुटकर विक्रेताओं ने अपनी दुकान से जगह घेर रखा है. कभी पुलिस की गाड़ियां देख कर दुकान पीछे करते भी हैं तो गाड़ियों के जाते ही पुनः दुकान का फैलाव हो जाता है.
हरमु बाजार चौक : फुटपाथ पर ही लगा रहे दुकान
सड़क पर जीविका चलानेवाले व्यवसाइयों की जीविका को ध्यान मे रखकर साल 2012-13 में शहर के मध्य व बड़ी आबादी क्षेत्र मे हरमू चौक के पास वेंडरों के लिए आठ करोड़ की लागत से आवास बोर्ड ने मार्केट का निर्माण करवाया. उन सभी दुकानदरों को , जो हरमू बाजार में सड़क किनारे अपनी दुकान सजाते थे , उन्हें दुकानें भी आवंटित की गयी. परंतु शॉप लेने के बाद भी इन वेंडरों ने अपना दुकान फुटपाथ से नहीं हटाया बल्कि इन दुकानों को सभी वेंडरों ने गोदाम बना लिया. इस प्रकार रांची नगर निगम के इस प्रशंसनीय प्रयास के बावजूद आज हालत यह है कि ये विक्रेता दिन भर सड़क किनारे दुकान लगाते हैं. दिनभर की बिक्री के बाद शाम को घर जाते समय अपने सामान को मार्केट में मिले दुकान में लाकर रख देते हैं.
नागाबाबा खटाल : मिला है पक्की छत्त वाला दुकान फिर भी पसंद है खुला आसमान
वर्ष 2021 में 11 करोड़ की लागत से वेजीटेबल मार्केट का निर्माण किया गया था . उद्देश्य सिर्फ इतना ही था की राजभवन के समीप सड़क अतिक्रमण को कम किया जाए. साथ ही इनकी जीविका को कोई नुकसान न पहुंचे. इस मार्केट में कचहरी चौक से लेकर किशोरी यादव चौक के बीच सड़कों पर लगाने वाले सभी फुटपाथी दुकानदारों को दुकानें आवंटित की गयी थी. बावजूद इसके ये विक्रेता पुनः सड़कों पर अपनी दुकान को लेकर चले आए और फिर से इनके दुकानों का क्षेत्रफल बढ़ते ही जा रहा. कुल मिलकर हालत वही बदहाल सड़क जाम से लोगों को परेशानी .
मधुकम : बनी हुई है सब्जी मंडी फिर भी सड़क पर ही बिक रही है भिंडी
बात करें रांची मधुकम सब्जी बाजार की तो बता दें वर्ष 2015-16 में रांची नगर निगम द्वारा मधुकम में सब्जी बाजार का निर्माण किया गया था. रांची की व्यस्त सड़क होने के कर यह सब्जी विक्रेताओं के अतिक्रमण सदैव दुर्घटनाओं को आमंत्रण देते थे जिसे मुक्ति हेतु रांची नगर निगम ने 300 से अधिक दुकानदारों को दुकानें आवंटित की थी ताकि यहां की सड़क अतिक्रमणमुक्त रहे. प्रारभ में तो छह माह तक मार्केट में ही दुकानदारों ने दुकान लगायी. लेकिन इसके बाद एक-एक कर लोग सड़कों पर आते गये. आज इस मार्केट के पहले फ्लोर पर एक भी दुकानदार नहीं हैं. सभी दुकानदार सड़कों पर आ गये हैं.
सड़क पर दुकान और दुकान बना गोदाम
रांची नगर निगम का उद्देश ये था की यदि इन फुटकर दुकानदारों को शहर के प्रमुख जगहों पर दुकान दिया जाए तो इनकी जीविका भी सुचारु रूप से चलेगी और रांची मे जाम और भीड़ से लोगों को राहत भी मिलेगी परंतु हुआ इसके विपरीत. फुटपाथ दुकानदारों ने मार्केट में दुकान भी हासिल कर लिया है लेकिन इसके बाद भी ये सड़क पर दुकान लगाना नहीं छोड़ रहे हैं. बल्कि आए दिन इनके दुकानों का क्षेत्रफल बढ़ते ही जा रहा. जिससे गाड़ियों की रफ्तार रेंगने जैसी हो गई है . जिससे सड़क जाम से लोग बहाल हो रहे .
गंभीर नहीं है प्रशासन, नींद में हैं अधिकारी :
अतिक्रम हटाओ को लेकर न तो प्रशासन सजगता दिखा रही न ही अधिकारीयों का मौन भंग हो रहा. बीच सड़क पर दुकान सजाने वाले इन वेंडरों के लिए नगर निगम गहरी नींद मे दिखाई पड़ रही. शहर को अतिक्रमण करने का सपना वाकई सपना ही साबित होता दिख रहा .आज राजधानी रांची की सड़कों का हाल ये है कि आप किसी भी सड़क पर चले जाएं घंटों गाड़ियों की जाम गर्म इंजन और उससे निकलते धुएं और रेंगने जैसी रफ्तार और इन सबके के बीच फुटपाथ दुकानदारों का एकछत्र राज. विस्मय बात तो ये है कि सड़क की सुध लेने वाला कोई नहीं दिख रहा .
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