टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-आए दिन जंगली हाथियों का झुंड रिहायशी इलाके या फिर गांव में घुसकर अपना आतंक बोकारो जिले के विभिन्न गांवों में मचा रहें है. हाथियों के तांडव औऱ उत्पात से आम लोग काफी खौफजदा महसूस कर रहे हैं औऱ जान जाने का डर सता रहा है. बहुत सारे लोग तो दहशत से गांव तक छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं.
जंगली हाथियों के झुंड से दहशत
बरसात के इस मौसम में हाथियों के अचानक गांव में घुसने औऱ घरों में रखे अनाज के खाने औऱ तोड़फोड़ करने से ग्रामीणों को काफी नुकसान झेलना पड़ा रहा है. पिछले तकरीबन पंद्रह दिनों से हाथियों का दल , नावाडीह प्रखंड के विभिन्न गांव में रात के अंधेरे या फिर दिन के उजाले में ही घुसकर तबाही मचाते हैं. बताया जा रहा है कि हाथियों के झुंड में कुछ बच्चे भी शामिल हैं. जो घर में घुसकर तबाही मचाते हैं औऱ खेतों में लगी फसल को भी खा जा रहे हैं. इन्हें भगाने में वन विभाग और वन रक्षा दल के लोग भी खदेड़ने औऱ भगाने में खुद को असहाय महसूस कर रहें हैं. हाथियों का तांडव नावाडीह प्रखंड के कंजकीरो, बेरमो प्रखंड के ढोरी बस्ती, कारो खदान के समीप कॉलोनी और नजीदीकी जंगलों में उत्पात मचाये हुए हैं. इसके साथ ही बोकारो थर्मल में भी हाथियों के द्वारा तबाही मचाई गई.
बेरमो के प्रसिद्ध मंदिर में तोड़फोड़
कुछ दिन पहले कोयलांचल बेरमो से सटे कारो खदान के पास प्रसिद्ध तारा पीठ मंदिर में भी हाथियों ने रात को उत्पात मचाया था. आधी रात को हाथियों ने शिव मंदिर के गेट को तोड़फोड़ की थी.हालांकि, गनीमत ये रही कि इस दौरान कोई वहां मौजूद नहीं था. लेकिन, अभी भी वहां खौफ में लोग जीने को मजबूर हैं. कभी भी हाथियों का दल यहां उत्पात मचा सकता है.
असहाय दिख रहा वन विभाग
आमूमन हर साल ये देखा गया है कि बरसात के महीने में जंगली हाथियों का झुंड विचरण करता है. अभी तक वन विभाग की ओर से ऐसी कोई तैयारी हाथियों को खदड़ने औऱ भगाने की नहीं दिखती है. इसी का नतीजा है कि हाथियों का दल लगातार बिना किसी डर के रिहायशी इलाकों औऱ गांवों में घुस जाते हैं. वन रक्षा दल भी इन्हें रोकने में नाकाम है. पटाखे फोड़ने और मशाल जलाने बावजूद हाथियों का झुंड नहीं भाग रहा है. इस बार देखा गया है कि गजराज का दल काफी आक्रमक हो गया है. लिहाजा, इससे बचाव करना अब आम ग्रामीणों के लिए मुश्किल हो गई है.
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