रांची(RANCHI): हजारीबाग जिले में एक आंगनबाड़ी केंद्र की एक सेविका बच्चों को केंद्र में बंद कर अपने घर चली. बच्चों को केंद्र में बंद करने की वजह बस इतनी सी थी कि बच्चे शोर गुल कर उसे तंग कर रहे थे. ऐसे में सेविका के जाने के बाद जब बच्चे रोने-चिल्लाने लगे तो आसपास के लोग पहुंचे. लोगों ने इस बात की जानकारी मुखिया को दी. जिसके बाद मुखिया ने मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी और फिर ताला तोड़कर सभी बच्चों को बाहर निकाला गया. इस घटना से बच्चे सहम गए हैं.
हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड के जमुआरी गांव का है. आंगनबाड़ी सेविका के इस हरकत से लोगों में काफी नाराजगी है. ग्रामीणों ने जब बच्चों को केंद्र के अंदर रोते-बिलखते देखा तो उनके गुस्से का ठिकाना नहीं रहा. ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, जब सेविका ने ऐसी लापरवाही की है. उन्होंने आरोप लगाया कि सेविका ग्रामीणों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेती है.
वहीं, समाजसेवी गौतम कुमार मेहता ने मामले की निंदा करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए है. लेकिन ऐसी घटनाएं विभाग के नाकामी को उजागर करती है. इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी नैंसी सहाय ने जिला कल्याण पदाधिकारी को मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. ग्रामीणों ने भी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की है. इस मामले में सीडीपीओ नीलू रानी ने कहा कि मामले की सूचना मिली है. घटना सही है. सुपरवाइजर ने जांच की है. जल्द ही आरोपी सेविका पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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