माओवादियों और सुरक्षा बलों के हिंसा के बीच पिस रही मूलवासी आदिवासियों की जिंदगी, सरकार से सुरक्षा की कर रहे हैं मांग

माओवादियों और सुरक्षा बलों के हिंसा के बीच आम ग्रामीण – आदिवासी – पीस रहे हैं. झारखंड जनाधिकार महासभा दोनों पक्षों से अपील करती है कि उनकी लड़ाई में आम ग्रामीणों पर हिंसा न हो और आम ग्रामीणों के जीवन को बर्बाद न किया जाए.  मूलवासी आदिवासियों ने प्रशासन और पुलिस से मांग किया है कि बिना ग्राम सभा की सहमति के सुरक्षा बलों के कैंप न लगाए जाएं और मात्र संदेह के आधार पर या माओवादियों को खाना खिलाने के कारण आदिवासी युवाओं को माओवादी हिंसा मामले में फ़र्ज़ी रूप से न जोड़ा जाए.

माओवादियों और सुरक्षा बलों के हिंसा के बीच पिस रही मूलवासी आदिवासियों की जिंदगी, सरकार से सुरक्षा की कर रहे हैं मांग