धनबाद (DHANBAD) : निरसा में लाल झंडा, हरा झंडा और भगवा की राजनीति धीरे-धीरे तेज होने लगी है. भगवा तो अभी सिर्फ सक्रियता दिखा रहा है, विवाद में भगवा कहीं दिख नहीं रहा है लेकिन लाल झंडा और हरा झंडा की लड़ाई दिखने लगी है. लाल झंडा के वाहक पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के खिलाफ निरसा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. उन पर एमपीएल से निकलने वाली छाई की ट्रांसपोर्टिंग रोकने का आरोप है. ट्रांसपोर्टिंग से जुड़ी कंपनी प्रबंधन ने यह मुकदमा दर्ज कराया है. अरूप चटर्जी सहित उनके सरकारी अंगरक्षक व अन्य पर जबरन ट्रांसपोर्टिंग रोकने, कंपनी को नुकसान पहुंचाने और रंगदारी मांगने के आरोप लगाए गए हैं. शिकायत में कहा गया है कि सोमवार से 3 दिनों तक बेवजह ट्रांसपोर्टिंग को बंद करा दिया गया. इसे कंपनी को लाखों का नुकसान हुआ है. रंगदारी में शामिल लोगों के नाम भी गिनाए गए हैं. हालांकि इस संबंध में पूर्व विधायक अरूप चटर्जी का कहना है कि ट्रांसपोर्टिंग बंद कराए जाने के समय वह नहीं थे और उनका सरकारी अंगरक्षक भी छुट्टी पर था. वह शुक्रवार को ही ड्यूटी पर आया है. इस तरह के आरोप राजनीतिक साजिश के तहत बदनाम करने के लिए लगाए गए हैं. मामला चाहे जो भी हो, लेकिन इन मुकदमों को भी राजनीतिक चश्मे से लोग देख रहे हैं.
पूर्व विधायक ने खोला मोर्चा
पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने अभी हाल ही में झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता अशोक मंडल के खिलाफ शिकायत वाद दर्ज कराया है. आरोप है कि उनके खिलाफ अशोक मंडल ने दुष्प्रचार किया है. कहा है कि दूसरे राज्यों में उनकी संपत्ति है. अरूप चटर्जी का आरोप है कि उन्हें बदनाम करने के लिए यह सब किया गया है. आपको बता दें कि पिता गुरुदास चटर्जी की हत्या के बाद अरूप चटर्जी राजनीति में आए और उसके बाद दो बार विधायक बने. वहीं, अशोक मंडल पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा में थे, बाद में फिर भाजपा में आए और फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा में लौट गए. निरसा में भगवा का वाहक विधायक अपर्णा सेनगुप्ता है. विधायक अपर्णा सेनगुप्ता भी पति की हत्या के बाद राजनीति में आई और उसके बाद उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की राजनीति शुरू की. लेकिन फिर भाजपा में आई. 2019 में उन्हें भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया और फिलहाल वह निरसा से विधायक हैं. अशोक मंडल भी निरसा सीट से कई बार चुनाव लड़े, लेकिन विजय श्री अभी उनसे दूर है. वैसे निरसा में लाल झंडा और हरे झंडे के बीच रस्साकसी चलती रही है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा राजनीतिक लड़ाई और बढ़ेगा, क्योंकि अरूप चटर्जी फिर से खोई सीट को हासिल करने की कोशिश करेंगे, वहीं अपर्णा सेनगुप्ता अपनी सीट बचाने के लिए लड़ेगी तो अशोक मंडल भी कोशिश करेंगे कि वह पहली बार विधायक बन जाए. इन सब के लिए अभी से ही जमीन तैयार होनी शुरू कर दी गई है, देखना दिलचस्प होगा कि आगे-आगे होता क्या है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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