जमशेदपुर (JAMSHEDPUR): जमशेदपुर के उलीडिह थाना क्षेत्र स्थित उमा अस्पताल से निंदनीय खबर सामने आ रही है. जहां एक मरीज की अस्पताल में ही मौत हो गई थी. जिसके बाद चूहों ने शव के आंख और मुंह को कुतर दिया है. साथ ही चूहों ने शव के चेहरे को कुतर दिया तो वहीं एक आंख भी खा गए. जब परिजनों की नजर शव पर पड़ी तो अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग कर हंगामा शुरू कर दिया. सूचना मिलते ही थाना प्रभारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे औऱ मामले को शांत करवाने में जुट गए. बता दें कि परिजनों का साफ तौर पर कहना है कि अस्पताल पर कार्रवाई होनी चाहिए. या पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए.
.क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार सरायकेला-खरसांवा जिले के कुकड़ू प्रखंड स्थित काडरगमा निवासी सहदेव महतो बाइक से नीमडीह जा रहे थे. इसी बीच उनकी बाइक दुर्घटना ग्रस्त हो गई जिससे वह बुरी तरह घायल हो गए थे. जिसके बाद घायल अवस्था में उन्हें इलाज के लिए परिजनों ने नीमडीह के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया. उसके बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल लाया गया. हालत गंभीर होता देख परिजनों ने उन्हें रांची रिम्स अस्पताल लाया. लेकिन वहां से उसे बेहतर इलाज के लिए उमा अस्पताल ले जाया गया. इलाज के क्रम में देर रात मरीज की मौत हो गयी. परिजनों को इसकी जानकारी देने के साथ ही शव को लेकर जाने को कहा गया. परिजनों ने रात में शव को ले जाने में असमर्थता जताई और सुबह तक शव को अस्पताल में ही रखने का आग्रह किया. उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए शव को अस्पताल परिसर स्थित हॉल में रखा गया.
परिजनों ने की उचित कार्रवाई की मांग
लेकिन जब सुबह परिजन शव लेने अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने देखा की शव का होंठ व आंख कुतरा हुआ था. जिसके बाद पता चला कि शव को चूहों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है. जानकारी मिलते ही मृत के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. फिर पुलिस अस्पताल पहुंची औऱ मामले की जानकारी ली. जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. साथ ही पुलिस ने परिवार वालों को आश्वाशन दिया कि वे अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई करेंगे.
परिवार वालों के साथ खड़ा है अस्पताल प्रबंधन
इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि हमारे पास शव गृह नहीं है, जिसकी वजह से यह घटना सामने आई है. अब दोबारा यह घटना ना हो उसके लिए अस्पताल प्रबंधन शव गृह का निर्माण करेगा. साथ ही साथ पीड़ित परिवार को जो सहयोग हो वह अस्पताल प्रबंधन देने को तैयार है. साथ ही कहा गया कि यह घटना काफी निंदनीय है. पीड़ित परिवार को रात में ही शव ले जाने के लिए बोला गया था, लेकिन वे नहीं ले गए. अस्पताल प्रबंधन परिवार के साथ खड़ा है
रिपोर्ट. रंजीत ओझा
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