धनबाद(DHANBAD): झारखंड में 2024 के चुनाव में कुल पार्टियों को मिला दिया जाए तो आठ विधायकों को लोकसभा का टिकट दिया गया है. भाजपा की बात की जाए तो हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल को हजारीबाग लोकसभा से उम्मीदवार बनाया गया है. तो बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो को धनबाद लोकसभा से प्रत्याशी घोषित किया गया है. वही नाला से विधायक रही और भाजपा में शामिल हुई सीता सोरेन को दुमका लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी अब तक तीन विधायकों को लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है. इसमें टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो को गिरिडीह लोकसभा सीट से, मनोहरपुर की विधायक जोबा मांझी को सिंघभूम सीट से तो शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन को दुमका से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया है.
आया राम ,गया राम को भी मिला है टिकट
कांग्रेस की बात की जाए तो मांडू से भाजपा के विधायक रहे और फिलहाल कांग्रेस में शामिल हुए जेपी पटेल को हजारीबाग लोकसभा से उम्मीदवार बनाया गया है. इसी प्रकार बगोदर से माले विधायक विनोद सिंह को कोडरमा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. इधर झारखण्ड में इंडिया गठबंधन में फिलहाल उम्मीदवार घोषित करने में झारखंड मुक्ति मोर्चा , कांग्रेस आगे है. कांग्रेस को झारखण्ड में 7 सीटों पर चुनाव लड़ना है ,जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा 5 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगा, अब तक झारखंड मुक्ति मोर्चा 4 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर चुका है लेकिन कांग्रेस तीन सीटों पर ही उम्मीदवार की घोषणा कर पाई है. धनबाद सहित चार सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. मंथन का दौर चल रहा है, जो भी हो लेकिन जिन विधायकों को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया है, उन पर दोहरी जिम्मेवारी है. सिर्फ लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले विधायकों पर ही पार्टी प्रत्याशी को जिताने का दबाव नहीं है, बल्कि जो विधायक लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं, उनको अपने विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को बहुमत दिलाना जरूरी होगा.
अपने क्षेत्र से बहार भी करना पड़ेगा काम
ऐसी बात नहीं है कि लोकसभा के जो प्रत्याशी बने हैं, उनका विधानसभा क्षेत्र भी उसी लोकसभा क्षेत्र में आता हो. कुछ ऐसी भी सीट है ,जहां विधायकों का विधानसभा क्षेत्र दूसरे लोकसभा सीट में पड़ता है. जैसे, धनबाद से बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है लेकिन बाघमारा विधानसभा क्षेत्र गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है. 2024 के चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी खूब पसीना बहा रहे है. एनडीए जहां 2019 लोकसभा का चुनाव परिणाम दोहराना चाहेगा , वही इंडिया ब्लॉक 2019 के परिणाम से आगे निकलने की कोशिश करेगा. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि लोकसभा का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों पर अपने विधानसभा क्षेत्र में बढ़त दिलाने की दोहरी जवाबदेही होगी. देखना दिलचस्प होगा कि इसमें कौन कितना सफल हो पता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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