धनबाद(DHANBAD): धनबाद के इतिहास में 7 नवंबर 2022 की तिथि अंकित हो गई है. जब भी धनबाद का इतिहास लिखा जाएगा, यह तिथि भी अंकित होगी. कारण यह है कि 20 साल बाद सिंदरी खाद कारखाना से यूरिया उत्पादन शुरू होने के बाद सोमवार को नीम कोटेड यूरिया की पहली खेप फैक्ट्री से बाहर निकली. यह पहली खेप बाबा नगरी देवघर के लिए रवाना की गई. hurl प्रबंधन के अनुसार नीम कोटेड यूरिया का व्यवसायिक उत्पादन शुरू कर दिया गया है. 30 मेट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का पहला ट्रक देवघर भेजा गया है. सूत्रों के अनुसार अभी सड़क मार्ग से ही यूरिया का डिस्पैच होगा. 15 नवंबर से रेल मार्ग से भी खाद भेजा जाएगा. आपको बता दें कि यह 30 दिसंबर 2002 को सिंदरी खाद कारखाना आर्थिक कारणों से बंद कर दिया गया था. वैसे सिंदरी के इतिहास में आज तक कम से कम 4 तिथियां हैं, जो भूले नहीं भूल सकती हैं. 2 मार्च 1952 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने खाद कारखाने को समर्पित किया था, साथ ही कहा था कि मैं आधुनिक भारत के एक मंदिर का उद्घाटन कर रहा हूं. 31 दिसंबर 2002 को घाटे के कारण कारखाने को बंद कर दिया गया. 25 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 700 करोड़ की लागत से सिंदरी में कारखाने का शिलान्यास करते हुए कहा था सिंदरी से देश में फिर कृषि क्रांति की शुरुआत होगी. फिर 7 नवंबर 22 को यूरिया उत्पादन के साथ डिस्पैच शुरू हुआ.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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