जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): मुस्लिम समाज में मस्जिद में केवल पुरुषों को ही एंट्री मिलती है. पुरुष जाकर वहां नमाज अदा करते हैं, लेकिन वहीं महिलाओं को इस पर रोक है. महिलाओं को मस्जिद में एंट्री नहीं दी जाती है. लेकिन जमशेदपुर में एक ऐसा मस्जिद बनकर तैयार होने जा रहा है, जिसमें महिलाएं अब नमाज अदा कर पाएंगी.
लौहनगरी में बनने जा रहा है देश का पहला महिला मस्जिद
जमशेदपुर से सटे कपाली ताज नगर में देश की पहली महिला मस्जिद सैय्यद जहरा बीबी फातिमा मस्जिद दिसंबर तक तैयार हो जायेगा. युद्ध स्तर पर इसपर काम चल रहा है. इस इबादतगाह में 500 महिलाएं एक साथ नमाज अदा कर पायेंगी. ये हिंदुस्तान का पहला मस्जिद होगा जो मुस्लिम महिलाओं के लिए है. डॉ नूर जमा की ओर से पिछले कई सालों से महिलाओं के लिए मदरसा संचालित किया जा रहा है.जहां 25 से अधिक महिलाएं दीनी और दुनियावी तालीम हासिल कर रही है.
एक साथ 500 महिलाएं कर पायेंगी नमाज अदा
डॉ नूर जमा की ओर से एक नई पहल से देश का पहला मस्जिद सैय्यद जहरा बीबी फातिमा बनने जा रहा है. मस्जिद में महिलाएं अपने पांच वक्त की नमाज अदा कर पायेंगी. मस्जिद की देखरेख और इमामत भी महिलाओं के हाथों में ही रहेगी. इस मस्जिद में पुरुषों के प्रवेश पर रोक रहेगी.
बुलंद हौसलों के साथ इस महिला ने की पहल
इस पर जानकारी देते हुए डॉ नूर जमा ने कहा कि मस्जिद की तामीर को लेकर कई लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन फिर भी मैं अपने बुलंद हौसलों के साथ इस मस्जिद का काम इस साल के अंत तक मुकम्मल कर दूंगी. इस मस्जिद में महिलाओं को दीनी तालीम भी दी जाएगी. जहां अब महिलाएं मस्जिद में आकर अपने अरकान को पूरा करेंगी. लड़कियां लड़कों में कोई अंतर नहीं होता, और लगातार हमारे समाज में महिलाओं पर हुकूम चलाई जाती है.
महिलाएं अपनी समस्या भी खुलकर बता सकेंगी
उन्होंने कहा कि आज के दौर में हमारी बेटी बेटों से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है. इन बेटियों के लिए अगर हमारे समाज में एक नमाज पढ़ने का मस्जिद बनाया जा रहा है तो ये बुरा क्यों है. उन्होंने कई ऐसे लोगों के नाम बताएं जिन्होंने मस्जिद की मांग की थी और कई जगहों पर इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. इस मस्जिद में नमाज के साथ-साथ महिलाएं अपनी समस्या भी खुलकर बता सकेंगी. वहीं इस मस्जिद की तामीर से क्षेत्र की महिलाओं में खुशी की लहर नजर आ रही है. जहां महिलाओं का कहना है कि अबतक हम लोग अपनी इबादत घर की चारदीवारी में कैद होकर कर रहे थे, लेकिन जल्दी हम भी मस्जिद जाकर जमात के साथ नमाज अदा करेंगे.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा
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