टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग में फंसी 41 मजदूरों की जिंदगियां कैद से आजाद होने में लगता है कि अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. आज शाम तक सभी के बाहर निकल जाने की उम्मीद हैं. जिंदगी औऱ मौत की जंग में झूल रहे 41 में से 15 मजदूर झारखंड के भी है. जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में तो इन मजदूरों ने अच्छा खास वक्त सुरंग में गुजार दिया. इसके साथ ही इनके परिजन भी टनल के बाहर इनके बाहर आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. पूरे देश अच्छी खबर सुनने का इंतजार कर रहा है
गुरुवार को बहार आने की थी आशा
मजदूरों को बाहर निकालने का उत्साह गुरुवार को ही अंगड़ाई ले रहा था. लेकिन, दिनभर उतार-चढ़ाव होता रहा. अड़चने राहों में आते गई. जिसके चलते इंतजार बढ़ता ही गया. वैसे बुधवार की रात को चले अभियान की रफ्तार में ये उम्मीद जताई जा रही थी कि बृहस्पतिवार की सुबह तक सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर आ जायेंगे. लेकिन, ऐसा हो नहीं सका. दरअसल, रात को अमेरिकन ऑगर ड्रिल मशीन की राह में लोहे के सरिये और गाटर आ गए जो टनल के भीतर के स्ट्रक्चर के लिए लगाए गए थे. इसके चलते मशीन का पूर्जा टूट गया और काम रोकनी पड़ी . इसके बाद मौजूद एनडीआरएफ की ने करीब 40 मीटर तक पहुंचे 800 मिमी पाइप के भीतर घुसकर रुकावट को देखा. उन्होंने इसे काटने की सलाह दी, जिसके लिए गैस कटर मंगाया गया. जिसके बाद काफी मश्शकत के बाद इसे काट दिया गया. सुबह दोबारा डि्ल मशीन शुरू कर दी गई. आज शाम तक मजदूरों के बाहर निकलने की उम्मीदें हैं .
हेमंत सरकार करायेगी एयरलिफ्ट
उत्तराखंड टनल में 41 में से 15 मजदूर झारखंड के भी है. अगर अंधेरी सुरंग से मजदूर बाहर निकलते है, तो मेडिकली फिट होने के बाद झारखंड के मजदूरों को देहरादून से एयरलिफ्ट करके रांची लाया जाएगा. झारखंड के कई अधिकारी भी उत्तराखंड में टनल के पास मौजूद हैं. हर तरह की मदद के लिए झारखंड सरकार तैयार है. अधिकारी किसी भी तरह की परेशानी के लिए मजदूरों के परिजनों की मदद भी कर रहे हैं. आपको बाता दे दिवाली के पहले से ही टनल में 41 मजदूर फंसे हुए हैं. आज क15 दिन से ज्यादा वक्त गुजर गया है. काफी अड़चने इन्हें निकालने को लेकर हो रही है. हलांकि, काफी महेनत और सूझबूझ के बाद, अब इनके आजाद होने की खबरे मिल रही है. फिलहाल, पूरे देश की नजर इन पर टिकी हुई है. शाम तक इनके बाहर निकलने की संभावना जताई जा रही है.
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