धनबाद(DHANBAD): यूं तो ठेकेदार और अधिकारियों के साठगांठ के एक से एक किस्से सामने आते हैं. पर इसबार मामला थोड़ा अजीब है. धनबाद में एक मामला सामने आया है जिसमे वर्क आर्डर के बिना सामान की आपूर्ति कर दी गई. और तो और समान आपूर्ति के बाद टेंडर रद्द होने के बावजूद चुनाव गिनती में लगे कर्मचारियों को भोजन कराया गया. मामले की प्रशासनिक जांच शुरू हो गई है. इधर ठेकेदार के भुगतान की मांग को फिलहाल रोक रखा गया है. बता दें यह मामला जून में हुए पंचायत चुनाव से जुड़ा हुआ है. पंचायती राज विभाग की ओर से आपूर्तिकर्ताओं के बिल के भुगतान के लिए विपत्र को जब बड़े अधिकारियों के पास भेजा गया, तो गड़बड़ी पकड़ में आई.
जांच के लिए बनाई गई कमेटी , जानिए और कितनी गड़बड़ी का हुआ खुलासा
इसके बाद डीसी ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी .कमेटी ने जब जांच शुरू की तो कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई है. इसके अलावा पंचायती राज पदाधिकारी से कई बिंदुओं पर जवाब तलब भी किया गया है. बता दें कि पंचायती चुनाव में स्टेशनरी ,फोटोकॉपी मशीन, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, सीसीटीवी आदि की जरूरत थी. इसकी आपूर्ति स्थानीय एजेंसियों की ओर से की गई .मतदान, काउंटिंग में लगे कर्मचारियों के लिए नाश्ता तथा भोजन की आपूर्ति स्थानीय दुकानदारों की ओर से की गई थी. चुनाव के बाद सामान सप्लाई करने वाले तथा नाश्ता, खाना उपलब्ध कराने वालों ने बिल जमा कर भुगतान की मांग की. विभागीय अधिकारियों की ओर से भुगतान के लिए फाइल बढ़ाई गई, जब फाइल ऊपर पहुंची तो गड़बड़ियों का खुलासा हुआ. इस मामले की जांच के लिए DRDA के निदेशक की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई है. जांच कमेटी ने पाया है कि सामानों की आपूर्ति का आदेश अलग-अलग तिथियों को बताई गई है लेकिन इसकी प्राप्ति की तिथि एक ही दिन दिखाई गई है. कई बिल में प्राप्तकर्ता का सत्यापन भी नहीं है .इसके अलावा टेंडर रद्द कर देने के बाद भी मतगणना में एजेंसी की ओर से खाने की आपूर्ति की गई. कुल 7 आपूर्तिकर्ताओं ने अपना विपत्र पत्र जमा किया है, जिसके भुगतान पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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