धनबाद(DHANBAD): धनबाद सहित झारखंड के 14 नगर निकायों की अवधि मई-जून 2020 में ही खत्म हो गई है. बचे 34 नगर निकायों का कार्यकाल भी इसी महीने में पूरा हो गया. इसके साथ ही निकाय बोर्ड भंग हो गए है और पूरी व्यवस्था अधिकारियों के जिम्मे में आ गई है. धनबाद में तो 20 जून 2020 को ही नगर निगम की अवधि खत्म हो गई है, तब से यह व्यवस्था अधिकारियों के जिम्मे में है. इधर, पता चला है कि नगर निगम चुनाव कराने और चुनाव होने तक निर्वत मान पार्षदों को अवधि विस्तार देने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. यह याचिका रांची नगर निगम के निवर्तमान पार्षद विनोद सिंह, सुनील यादव एवं अन्य ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि नगर निगम के पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो गया है. 5 साल का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही सरकार को चुनाव कराना चाहिए था. याचिका में यह भी कहा गया है कि नगर निगम का चुनाव नहीं होने से कई काम प्रभावित हो गए है.
अधिकारियो के जिम्मे हो गया है पूरा काम, बोर्ड हो गए है भंग
सारे कार्य अधिकारियों के जिम्मे में दिए गए है. सरकार के इस फैसले से आम नागरिकों को काफी परेशानी होगी. मोहल्ले की हर समस्या के लिए पार्षद के पास नहीं जाकर, कार्यालय का चक्कर जनता को लगाना होगा. जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र और इस तरह के कई काम लोग पार्षदों के माध्यम से कराते थे. अब यह काम कराने के लिए आम लोगों को कार्यालय का चक्कर लगाना होगा. झारखंड में निकायों के चुनाव की तैयारी शुरू हो गई थी लेकिन पिछड़ों को आरक्षण लागू करने के प्रावधान के बाद ही चुनाव कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका के आलोक में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनावी प्रक्रिया थम गई. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर पिछड़ों को आरक्षण प्रावधानों को लागू करने के बाद ही नगर निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया है.
सरकार को आरक्षण का प्रावधान लागू करने के लिए सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी
सरकार अब नगर निगम के चुनाव के पहले आरक्षण का प्रावधान लागू करने के लिए सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करेगी. इधर, झारखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए ओबीसी या पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट शुरू होने में देर हो रही है. कैबिनेट के आयोग गठित करने के फैसले के लगभग 2 महीने के बाद भी इसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया है. अगले साल लोकसभा के साथ राज्य विधानसभा चुनाव भी होने है. ऐसे में लगता है कि चुनाव का मामला लंबे समय तक लंबित रह सकता है. धनबाद में 20 जून 2020 को नगर निगम का कार्यकाल खत्म हो गया है. उसके बाद से चुनाव नहीं कराए गए, कई बार सुगबुगाहट दिखी लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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