रांची (RANCHI) : मनरेगा घोटाले मामले में जेल की सजा काट रही आईएएस पूजा सिंघल पर ईडी ने अब फर्जी एंजियोग्राफी रिपोर्ट बनाने को कोशिश करने का आरोप लगाया है. बता दें कि पूजा सिंघल ने स्वास्थ्य समस्या को आधार बना कर हाईकोर्ट से जमानत लेने के लिए ऐसा किया. ईडी ने इस बारे में झारखंड हाईकोर्ट में डायल हलफनामा में यह जानकारी दी है.
ईडी के अधिकारियों के कारण नहीं बन पाया फर्जी सर्टिफिकेट
बीते दिनों पूजा सिंघल ने स्वास्थ्य समस्याओं के कारण जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने जो हलफनामा दिया, उसमें इस बात का जिक्र है कि स्वास्थ्य कारणों से जमानत का लाभ लेने के लिए पूजा सिंघल ने फर्जी एंजियोग्राफी रिपोर्ट तैयार करने की कोशिश की थी. हालांकि मौके पर ईडी के अधिकारियों की मौजूदगी के कारण उनका मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं बन पाया. और ईडी ने कोर्ट में पूजासिंगल की जो मेडिकल रिपोर्ट जमा की, उसमें वह शारीरिक और मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ पाई गई. यही कारण था कि ईडी ने पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी. सुनवाई के दौरान ईडी के तरफ से कोर्ट में अमित कुमार दास ने यह सब जानकारी दी.
किन मामलों की आरोपी हैं IAS पूजा सिंघल
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में IAS पूजा सिंघल को ईडी 11 मई को गिरफ्तार किया था. जिसके पहले उन्हें 5 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा गया था. झारखंड की माइनिंग सेक्रेटरी रही IAS पूजा सिंघल को ईडी ने 17 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. ईडी ने इनके घऱ से करोड़ों का कैश और कई संपत्ति के दस्तावेज बरामद किया था. जिसके बाद जांच की समीक्षा की करते हुए ईडी ने झारखंड खनन सचिव पूजा सिंघल को मनरेगा फंड के कथित गबन और अन्य आरोपों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में गिरफ्तार किया था.
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