रांची(RANCHI)-चंदनकियारी से भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी को पार्टी ने भाजपा विधायक दल का नेता घोषित कर दिया है. मांडू से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल इस दौड़ में पीछे रह गए हैं. ऐसा लगता है कि पार्टी को इस विषय में निर्णय लेने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. इस काम में केंद्रीय नेतृत्व या प्रदेश नेतृत्व को निर्णय लेने में ढाई महीने से अधिक का समय लग गया. इसका अर्थ है कि विधायकों की रायशुमारी में जयप्रकाश भाई पटेल के नाम पर सहमति नहीं बन पाई.यानी उनके नाम पर विरोध उत्पन्न हो गया था. इस काम के लिए रांची आए केंद्रीय पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे रांची आए थे.विरोध के कारण कुछ नहीं घोषणा नहीं कर पाए.
याद रहे कि अश्वनी कुमार चौबे का झारखंड आगमन और भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात के बाद रांची में इस बात की चर्चा चल पड़ी थी कि इस बार भाजपा पार्टी संगठन में बड़ा उलटफेर करते हुए टेक लाल महतो के सुपुत्र जेपी भी पटेल को विपक्ष का नेता बनाकर ओबीसी कार्ड खेलने जा रही है. दावा किया जाता है कि जैसे ही इसकी भयानक आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को लगी, सुदेश महतो पूरे फॉर्म में आए, उन्हें यह समझते देर नहीं लगी कि भाजपा की यह चाल सीएम हेमंत को भेजने से कहीं ज्यादा आजसू के परंपरागत जनाधार में सेंधमारी की साजिश है और इसके बाद दिल्ली में टेलीफोन फोन की घंटी बजने लगी . आजसू ने साफ कर दिया कि यी भाजपा जेपी भाई को सामने कर हमारी राजनीतिक जड़ों में मट्ठा डालने की साजिश कर रही है तो हमने भी कोई कच्ची गोटियाँ नहीं खेली है और इसके बाद की कहानी आपके सामने है
जेपी भाई पटेल के नाम पर मतभिन्नता दिखी
भाजपा विधायक दल की बैठक प्रदेश कार्यालय में जुलाई में बुलाई गई थी. उस दिन ऐसा लग रहा था कि जयप्रकाश भाई पटेल ही विधायक दल के नेता होंगे. पार्टी की नजर महतो वोट पर थी. झारखंड में महत्व वोटर की संख्या काफी है. जेपी भाई पटेल पूर्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा से विधायक रह चुके हैं.उनके पिता स्वर्गीय टेक लाल महतो झारखंड के एक नामी नेता थे. उनका रसूख बहुत था.पार्टी के सूत्रों के अनुसार जयप्रकाश भाई पटेल के नाम पर कई पुराने विधायकों को ऐतराज था.
चंदनकियारी से भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी वर्तमान में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं. 2015 में झारखंड विकास मोर्चा को तोड़कर 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे अमर बाउरी रघुवर सरकार में मंत्री भी बनाए गए. झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी थे. आज अमर कुमार बाउरी उन्हीं के स्थान पर भाजपा विधायक दल के नेता बन गए हैं. उनके विधायक दल का नेता बनने के पीछे एक प्रमुख वजह है कि वह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं. सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने यह निर्णय लिया होगा, ऐसा लगता है.
मांडू विधायक जेपी भाई पटेल बने सचेतक
अमर कुमार बावरी के विधायक दल के नेता बनने के बाद जेपी भाई पटेल को पार्टी ने सचेतक बनाया.हम आपको बता दें कि विरोधी दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण हैं.हम आपको बता दें कि जिस समय भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, उस समय एक तरह से उनका नाम तय माना जा रहा था. बड़ी संख्या में मांडू विधानसभा क्षेत्र से जयप्रकाश भाई पटेल के समर्थक और परिजन भी रांची स्थित प्रदेश कार्यालय पहुंच गए थे. ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ विधायकों ने राय शुमारी में यह कह दिया था कि पार्टी के पुराने और समर्पित विधायकों में से किसी एक को विधायक दल का नेता बनाया जाना चाहिए. तुलनात्मक रूप से जयप्रकाश भाई पटेल भाजपा में नए बताए गए.इस कारण उस समय यह मामला लटक गया. ढाई महीने से अधिक का समय हो गया तब इस मामले पर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व में निर्णय सुना दिया.
नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति का रास्ता साफ
अमर कुमार बाउरी के भाजपा विधायक दल के नेता नियुक्त होने के बाद अब यह लगभग तय हो गया है कि नेता प्रतिपक्ष का संकट अब खत्म हो गया. उल्लेखनीय है कि बाबूलाल मरांडी के भाजपा में पार्टी के विलय के बाद से उनके संबंध में दल बदल विरोधी कानून के तहत मामला स्पीकर ट्रिब्यूनल में शुरू हो आज तक यह मामला नहीं चलता है. 10 वीं अनुसूची के तहत आज भी सुनवाई चल रही है. सत्ता पक्ष के लोगों ने कहा था कि बाबूलाल मरांडी की जगह किसी और विधायक को भाजपा अपने विधायक दल का नेता चुन ले तो नेता प्रतिपक्ष का मामला क्लियर हो जाएगा. इसलिए अब कोई दिक्कत नहीं है. सूचना आयोग समेत कई अन्य आयोग और निगम में नियुक्ति की प्रक्रिया हो पाएगी.
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