धनबाद(DHANBAD):असम से आकर झारखंड में रंगदारी वसूली का "खेल". यह सुनकर आप भी हैरत में पड़ सकते हैं लेकिन बात है 100 फीसदी सच. यह हम नहीं ,पुलिस का रिकॉर्ड भी चिल्ला -चिल्ला कर यही कह रहा है. रंगदारी वसूलने का प्रयास करने वाले कोई साधारण रंगदार भी नहीं थे. यह सब नेशनल आदिवासी डेमोक्रेटिक फोर्स के सदस्य है. असम का यह एक उग्रवादी संगठन बताया गया है. साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम ने इसका खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार चारों असम के रहने वाले है. पूछताछ में बताया है कि यह लोग झारखंड के गांव में रहकर संगठन को विस्तार देने की योजना पर भी काम कर रहे थे.
हथियारों का जखीरा भी हुआ है बरामद
इनकी निशानदेही पर एक देसी कट्टा, एक जिंदा कारतूस, दो जिंदा बम, दो डेटोनेटर, एक बड़ा चाकू, एक छोटा चाकू, एक वाकी -टाकी , एक चार्जर, स्टाम्प पैड , स्मार्टफोन तथा कई सिम कार्ड बरामद किए गए है. इन लोगों ने साहिबगंज के कारोबारी लालू भगत को पत्र लिखकर 25 लाख रंगदारी मांगने की तैयारी भी की थी. यह सभी बरहेट थाना क्षेत्र के भैरोढाब गाँव में ठहरे हुए थे. हालांकि सूत्र बताते हैं कि गांव वालों ने ही इसकी सूचना पुलिस को दी. उसके बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई और टीम का गठन कर प्रोफेशनल ढंग से छापेमारी की. छापेमारी में हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है. इनके पास से लालू भगत से 25 लाख रंगदारी मांगने का भी एक पत्र बरामद किया गया है.
25 लाख रंगदारी मांगने की चिठ्ठी भी मिली है
इस पत्र को नेशनल आदिवासी डेमोक्रेटिक के लेटर पैड पर लिखा गया है. हो सकता है कि रंगदारी का भुगतान नहीं होने पर किसी घटना को अंजाम देते. लेकिन इसके पहले ही पुलिस के हाथ लग गए. रंगदारी के लिए कोयलांचल सहित झारखंड को अपराधी सॉफ्ट टारगेट में रखते है. संथाल परगना के रिमोट इलाके में बाहर के अपराधियों के पनाह लेने की लगातार सूचनाएं मिलती रहती है. साहिबगंज पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी कर एक बड़े अंतरप्रांतीय गिरोह का खुलासा करने में सफलता पाई है. वैसे भी झारखंड में संगठित गिरोह कम नहीं है. जेल में रहकर गैंग चलाते है. कारोबारी से रंगदारी वसूली के लिए उन्हें तरह-तरह से परेशान करते है. हो सकता था कि संगठन विस्तार के अलावा साहिबगंज के ग्रामीण इलाकों में किसी बड़े अपराध की घटना को अंजाम देते, लेकिन उसके पहले ही पकड़ लिए गए.
रिपोर्ट -धनबाद -साहिबगंज-रांची ब्यूरो
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