रांची(RANCHI): राजधानी रांची में मौजूद पारस HEC अस्पताल में सभी गंभीर बीमारी का इलाज संभव हो रहा है.जटिल से जटिल बीमारी के इलाज के लिए अब किसी को राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं है. पारस HEC अस्पताल में अनुभवी चिकित्सकों के द्वारा इलाज किया जा रहा है. ऐसी ही एक जटिल बिमारी से ग्रसित बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया. युवती शारीरिक असंतुलन की शिकार थी और ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. अपने दोनों आँखों से देखने में परेशान थी वह इतनी लाचार हो चुकी थी की दो लोगों के सहारे भी खड़ी नहीं हो पा रही थी. युवती के परिजनों ने उसे असंतुलित अवस्था में राँची के पारस एचईसी अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में भर्ती कराया था. मरीज़ की स्थिति को देखते हुए अस्पताल में उसे न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया.
पारस एचईसी अस्पताल के डॉ. संजीव कुमार शर्मा (सलाहकार न्यूरोलॉजी) ने आपातकालीन स्थिति में मरीज को देखा और उपचार की प्रक्रिया शुरू कर दी. मरीज़ की जाँच करने के बाद डॉ संजीव कुमार शर्मा ने बिकरस्टाफ एन्सेफलाइटिस डायग्नोस किया, जो काफ़ी रेयर बीमारी है. पारस एचईसी अस्पताल में बिकरस्टाफ के आधार पर मरीज़ को 15 दिनों तक उपचार मिला. जिसके बाद मरीज में काफी सुधार हुआ। अब वह सामान्य जीवन जी रही है.
डॉक्टर संजीव ने बताया की बिकरस्टाफ एन्सेफलाइटिस बीमारी का मूल सिम्टम आंखो को न घुमा पाना पूरे शरीर का असंतूलित होना और ठीक से बात ना कर पाना होता हैं जिसमें एमआरआई ७० प्रतिशत लोगो मैं नॉर्मल आता हैं इसमें रीढ़ का पानी का जांच होता हैं और इम्युन एंटीबॉडी का सैंपल भेजा जाता हैं साथ ही साथ इंफेक्शंस को भी रोलआउट किया जाता हैं यह बीमारी रेयर बीमारी हैं जो की २करोड़ लोगों में १ को ही होता हैं
पारस एचईसी अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने बताया की मरीज़ काफ़ी लाचार स्थिति में अस्पताल आई थी और उसका सफल इलाज़ हुआ। रांची पारस एचईसी अस्पताल रेयर बीमारियों का भी इलाज़ करने में सक्षम हैं. अस्पताल के अनुभवी चिकित्सक, सजग टीम और माडर्न इक्यूपमेंट जिसके कारण हम बीमारियों का सटीक विश्लेषण और उनका सफल इलाज़ करने में सक्षम हैं। इन सभी कारणों से हम लोगो का विश्वास और भरोसा रखे हुए हैं. अब झारखंड के लोगों को उच्चस्तरीय इलाज़ पारस हॉस्पिटल रांची में उपलब्ध हैं .
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