देवघर (DEOGARH) : झारखंड का एक मात्र ऐम्स देवघर में संचालित हो रहा है. ओपीडी सेवा से शुरू हुए ऐम्स में दिन प्रतिदिन सेवाओं का विस्तार हो रहा है. इसी कड़ी में एम्स में भर्ती मरीज का सफल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी यानी घुटने का प्रत्यारोपण किया गया. ऐम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि टोटल नी रिप्लेसमेंट या घुटने का प्रत्यारोपण एक सर्जिकल प्रक्रिया है. जिसमें घुटने के क्षतिग्रस्त हिस्से को हटा दिया जाता है तथा सर्जन क्षतिग्रस्त घुटने को कृत्रिम घुटने के जोड़ से बदल देते हैं. घुटने का प्रत्यारोपण एक जटिल शल्यक्रिया है,जिसकी सुविधा सीमित संस्थानों में ही उपलब्ध है.
ऑपरेशन करने वाली टीम को दी गई बधाई
अब एम्स देवघर के अस्थि रोग विभाग में घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी की शुरुआत हो गई है. जिसका लाभ ना केवल संताल परगना वासियों को मिलेगा बल्कि पूरे झारखंड और निकटवर्ती प्रदेश जैसे बिहार,बंगाल के मरीजों को भी प्राप्त होगा. एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सौरभ वार्ष्णेय ने इसके लिए ऑपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी है. ऑपरेशन करने वाली टीम का नेतृत्व अस्थि रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मनीष राज ने किया.
जानिए क्यूँ जरूरी है रिप्लेसमेंट सर्जरी या घुटने का प्रत्यारोपण
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मनीष राज ने बताया कि मरीज का घुटना ऑस्टियोआर्थराइटिस नाम के बीमारी के कारण खराब हो गया था. इस बीमारी में घुटने की गतिशीलता कम हो जाती है और रोजमर्रा के काम काज को करने में परेशनी होती है. कई बार घुटना इतना खराब हो जाता है कि व्यक्ति का चलना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में नी रिप्लेसमेंट सर्जरी या घुटने का प्रत्यारोपण एक बहुत अच्छा विकल्प है. ऑपरेशन करने वाली टीम में अस्थि रोग विभाग के डॉक्टर मनीष राज, डॉक्टर अमन, डॉ राहुल कुमार पांडे तथा एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर हबीब, डॉक्टर संजय उपस्थित थे.
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