दुमका (DUMKA) : दुमका में 24 फरवरी से ऐतिहासिक राजकीय जनजातीय हिजला मेला की शुरुआत होनी है. प्रशासनिक स्तर पर इसकी तैयारी जोर शोर से चल रही है. लेकिन इस सब के बीच आदिवासी छात्रों ने मेला की तैयारी को लेकर सवाल खड़े किए. इस बाबत एसपी कॉलेज परिसर में छात्र समन्वय समिति के बैनर तले जिले के समस्त आदिवासी कल्याण छात्रावास के छात्र नायकों ने बैठक की.
बीते दो सालों से नहीं हुआ मेले का आयोजन
बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए छात्र नेता श्याम देव हेंब्रम ने कहा कि कोरोना के कारण 2 वर्षों तक राजकीय जनजाति हिजला मेला का आयोजन नहीं हो पाया. इस वर्ष जब मेला का आयोजन होना है तो प्रशासनिक स्तर पर छात्रावास में रहने वाले छात्रों और छात्र नायकों को उपेक्षित किया जा रहा है. ना तो हिजला मेला को लेकर आयोजित बैठक की जानकारी दी गई और ना ही मेला के सफल संचालन के लिए गठित समिति और उप समिति में छात्र नायकों को जगह दी गई. छात्रों का आरोप है कि गठित समिति और उप समिति में कुछ ऐसे भी नाम है जिन्हें एक नहीं बल्कि चार चार कमेटियों में रखा गया है. तो अब सवाल उठता है कि एक व्यक्ति एक समय में चार जगह पर कैसे काम कर सकते हैं. छात्रों का आरोप है कि कोरोना काल से पहले जब हिजला मेला का आयोजन होता था तो उसमें छात्रावास के छात्रों और छात्र नायकों की भूमिका काफी अहम होती थी. उन्होंने कहा कि अगर नए सिरे से कमेटी गठित नहीं की जाती है तो छात्रावास के छात्र और छात्र नायक मेला में अपनी सहभागिता सुनिश्चित नहीं करेंगे.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका
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