झरिया में सामाजिक संगठन ने की प्रार्थना, बहुत हो गया अब बस करो अग्नि देव


धनबाद(DHANBAD): झरिया में सोमवार को भूमिगत आग की वंदना की गई. अग्नि देव का आह्वान किया गया कि अब बस भी करो, बहुत हो गया. मंत्रोचार के बाद 106 दीपक जलाए गए और अग्नि देव का पूजन किया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए, सरकार पर कटाक्ष भी किए गए. झरिया की भूमिगत आग के 106 साल हो गए. भौरा के किसी इलाके में सबसे पहले यह आग शुरू हुई थी. धीरे-धीरे कोयले को तो निगल ही रही है, कई जिंदगियों को भी लील गई है. सोमवार को सामाजिक संगठन इंस्टिट्यूशन फॉर नेशनल एमिटी ने अग्नि प्रभावित लिलोरीपथरा में एक अनूठा कार्यक्रम किया.
भूमिगत आग से केवल 50 मीटर की दूरी पर हुआ कार्यक्रम
यह कार्यक्रम भूमिगत आग से केवल 50 मीटर की दूरी पर किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत अग्नि देव के पूजन के साथ हुआ. मंत्र उच्चारण अनुरीत पांडे ने किया. आग को नियंत्रित करने, जागरूकता फैलाने के साथ सावधानी बरतने के लिए कोलफील्ड चिल्ड्रन क्लासेज के छात्र समूह ने 106 मिट्टी के दीये जलाये. इंस्टिट्यूशन फॉर नेशनल एमिटी के संस्थापक पिनाकी राय ने कहा कि कोयला और भूमिगत आग कोयलांचल के लोगों के लिए जीवन का हिस्सा बन गया है. लगता है कि अब आग बुझाना कंपनी के नियंत्रण से बाहर है. कोई प्रयास अब तक सफल नहीं हुए है.
अग्नि क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित कर दे सरकार
उन्होंने कटाक्ष किया कि केंद्र और राज्य सरकार को झरिया के अग्नि क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित कर देना चाहिए, झरिया की आग को देखने के लिए हर साल कुछ ना कुछ विदेशी पहुंच ही जाते है. अगर इसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिया जाए तो लोगों की भीड़ जुटेगी और आय के साधन भी सृजित होंगे. आपको यह भी जानना चाहिए कि विश्व का सबसे उच्च गुणवत्ता वाला कोकिंग कोल झरिया कोल फील्ड में ही है. और यह कोकिंग कोल देश के स्टील प्लांटों के लिए संजीवनी का काम करता है. झरिया में सोमवार को आयोजित अनोखा कार्यक्रम सरकार या बीसीसीएल का कितना ध्यान खींच पाएगा, यह तो कहना मुश्किल है लेकिन यह अपने तरह का लीक से हटकर कार्यक्रम था.
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