धनबाद(DHANBAD):धनबाद वह कांग्रेस का समय था, जब देश के पहले खाद कारखाने का उद्घाटन करने 2 मार्च 1952 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सिंदरी पहुंचे थे. अब भाजपा का वक्त है .पहली मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंदरी पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री पांच कंपनियों को मिलाकर बनाई गई हिंदुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड( हर्ल) कंपनी का उद्घाटन करेंगे .इन पांच कंपनियों में एनटीपीसी, CIL, IOCL, FCIL और HFCL शामिल हैं .2019 चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2018 में इसका शिलान्यास किया था. तब प्रधानमंत्री के पहले कार्यकाल का अंतिम चरण था. 2019 लोकसभा चुनाव की चर्चा शुरू हो गई थी. यह शिलानाथ उन्होंने बलियापुर हवाई अड्डा से किया था.
शिलान्यास के समय भी प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस कंपनी का उद्घाटन करने भी वही आएंगे
इधर, पहली मार्च 2024 को जब प्रधानमंत्री उद्घाटन करने आ रहे हैं, तब भी माहौल लगभग चुनावी है .लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने ही वाली है. शिलान्यास के समय भी प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस कंपनी का उद्घाटन करने भी वही आएंगे और आ भी रहे हैं. पहली मार्च को जब प्रधानमंत्री उर्वरक प्रतिष्ठान का उद्घाटन करेंगे तो उनका यह वादा भी पूरा हो जाएगा. 31 दिसंबर 2022 को एक झटके में सिंदरी, गोरखपुर और बरौनी खाद कारखाने को बंद कर दिया गया था. उसे समय अटल बिहारी वाजपेई देश के प्रधानमंत्री थे. कारखाना बंद होने के बाद आंदोलन हुए, लेकिन कारखाना बंद करने का निर्णय अंतिम था, सो कारखाने बंद हो गए. सिंदरी को जिस ईमानदार प्रयास से सुंदरी बनाया गया था, एक-एक कर सभी कारखाने बंद हो गए. सिंदरी खाद कारखाने के अलावे पीडीआईएल भी बंद हो गया. उसके बाद HFC भी बंद हो गया. खाद कारखाना तो खूब नाम कमाया लेकिन धीरे-धीरे यह अव्यवस्था का शिकार हो गया.उसके बाद पीडीआईएल को भी बंद कर दिया गया. पीडीआईएल का एक समय में पूरे विश्व में डंका बजता था. रिसर्च में इसका कोई जोड़ नहीं था .उसके बाद HFC को भी बंद कर दिया गया. इस प्रतिष्ठान से कृषि कार्यों से जुड़े रिसर्च होते थे. मतलब धीरे-धीरे सिंदरी कबाड़ होती गई. लेकिन 2018 में सिंदरी का फिर से भाग्योदय होना शुरू हुआ और 2024 में पांच कंपनियों को मिलाकर बनी कंपनी का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं.
hurl प्रोजेक्ट से यूरिया का सालाना उत्पादन लगभग 11.75 लाख में मिट्रिक टन होगा
सिंदरी खाद कारखाना बंद होना धनबाद का एक बड़ा मुद्दा रहा है. 2002 के बाद के चुनाव में विरोधी खाद कारखाने को लेकर भाजपा को घेरते रहे हैं .लेकिन अब सिंदरी खाद कारखाने की जगह अब hurl उर्वरक प्रतिष्ठान अस्तित्व में आ चुका है. इसके उद्घाटन के साथ ही विपक्षियों के हाथ से एक मुद्दा भी खिसक जाएगा. हर उर्वरक प्रतिष्ठान का काम शिलान्यास के बाद 3 साल में पूरा होना था. लेकिन इसी समय कोरोना फैला और काम में सुस्ती आ गई. 6 अक्टूबर 2022 को hurl प्रोजेक्ट में अमोनिया का उत्पादन शुरू हुआ था. 7 नवंबर 22 को hurl प्रबंधन को यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने में सफलता मिली थी. लगभग 8500 करोड़ की लागत से निर्मित hurl प्रोजेक्ट से यूरिया का सालाना उत्पादन लगभग 11.75 लाख में मिट्रिक टन होगा. यहां प्रत्येक दिन 2250 मिट्रिक टन अमोनिया और 3850 मिट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होगा. यह बाद भी सच है कि जिस तरह सिंदरी, बरौनी और गोरखपुर कारखाने को एक साथ बंद किया गया था, उसी प्रकार नवनिर्मित हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के अधीन सिंदरी, बरौनी और गोरखपुर उर्वरक संयंत्र का निर्माण किया गया है .तीनों संयंत्रों से उत्पादन शुरू होते ही आयातित यूरिया पर देश की निर्भरता कम हो जाएगी. यह एक बड़ी उपलब्धि कहीं जाएगी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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