सरायकेला(SARAIKELA): थाना कस्टडी में मौत के एक मामले में परिजनों के द्वारा अभियुक्त बनाए जाने से जुड़े मुकदमे में उसी थाने के प्रभारी ने कोर्ट में आत्म समर्पण किया जिस थाने में वह पहले प्रभारी हुआ करता था. जाहिर सी बात है कि वह थाना प्रभारी खुद ही फरार चल रहा था.उसके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी कर रखा था.
जानिए पूरा मामला क्या था
यह मामला पिछले साल नवंबर महीने का है. जब बाल मित्र थाना में एक नाबालिग को पुलिस पकड़ कर लाई थी. बताया जा रहा है कि उसे बेरहमी से पीटा गया था जिस कारण से उसकी पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई. नाबालिग के परिजनों ने थाना प्रभारी मनोहर कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर तत्कालीन एसपी ने पुलिस कस्टडी में मौत के इस गंभीर मामले में थानेदार मनोहर कुमार को निलंबित कर दिया था और उसके खिलाफ जांच में मामला सही पाया गया. मुकदमा होने के बाद से मनोहर कुमार फरार चल रहे थे.लगभग 1 साल के बाद वह बहुत ही नाटकीय तरीके से आकर जिला सीजीएम कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया.आत्मसमर्पण के बाद उसने अपनी तबीयत खराब होने की बात कही. फिर क्या था, उन्हें एमजीएम अस्पताल भर्ती कराया गया.
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