सरायकेला(SARAIKELA):सरायकेला जिला के चांडिल थाना क्षेत्र के चिलगु में बंदोबस्ती जमीन को भू माफियाओं के चंगुल से मुक्त कराने को लेकर बंदोबस्तधारी ने चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी को एक मांग पत्र सौंपा है. मांग पत्र में बताया गया है कि मौजा चिलगु, खाता नम्बर 130, प्लाट नम्बर 578, कुल रकवा 12 एकड़ जमीन का बिहार सरकार के समय वर्ष 1986 में ही चांडिल अंचल कार्यालय से बन्दोबस्ती पिताजी के नाम पर मिला था. तभी से लगान एवं खेती वहां किया जा रहा है. रात्रि में अचानक उंक्त जमीन पर सीमेंट और पाटरा से बाउंड्री कर दिया गया है.
पढ़ें मामले पर बंदोबस्तधारी सूकू हासंदा ने क्या कहा
बंदोबस्तधारी सुकू हांसदा ने बताया कि चिलगू पुनर्वास निवासी विश्वरूप पांडा, अनंत गोप एवं दुर्योधन गोप द्वारा सरकारी बंदोबस्ती भूमि को जबरन कंक्रीट घेराबंदी कर बेच रहे हैं. उन्होंने एसडीएम से बताया है कि वह जमीन सरकार द्वारा मुझे आदिवासियों को खेती-बाड़ी करने के लिए बंदोबस्ती पर दिया गया है.इस संबंध में ग्राम प्रधान चिलगु कामदेव दास से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह सुवर्णरेखा परियोजना चांडिल का जमीन है.बगैर अलॉटमेंट के ही कई विस्थापितों द्वारा वहां जमीन घेर कर मकान बना लिया गया है. दास ने बताया कि एक विस्थापित परिवार को 012.50 डीसमील जमीन सुवर्णरेखा परियोजना चांडिल द्वारा दिया गया है, लेकिन अनेक विस्थापित परिवार अधिक जमीन घेर कर रखा है.
पदाधिकारियों से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
सुवर्णरेखा परियोजना चांडिल के पदाधिकारियों को इसकी शिकायत किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नही हुई है.इस कारण सरकारी जमीन का अवैध कब्जा हो रहा है. इसी प्रकार कपाली पुनर्वास स्थल का भी जमीन अवैध कब्जा हो चुका है.इस संबंध में एसडीओ शुभ्रा रानी ने बताया कि तत्काल चांडिल थाना प्रभारी को मामले की जांच करने का आदेश दे दिया गया है क्योंकि यह सरकारी जमीन है एवं आदिवासी को बंदोबस्त पर दिया गया है.दूसरे पक्ष से कागजात की मांग की जाएगी.तत्पश्चात, सुसंगत धाराओं का प्रयोग करते हुए कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट-वीरेंद्र मंडल
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