रांची(RANCHI) - अव्यवस्था के कारण कई बार कोर्ट को अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए उन्हें फटकार लगानी पड़ती है. ताजा मामला रांची में विधि व्यवस्था से जुड़ा हुआ है. यहां पर भारत बंद के दौरान विधि व्यवस्था की लचर स्थिति पर हाईकोर्ट ने वरीय पुलिस अधिकारी और रांची के उपायुक्त को फटकार लगाई है. हाई कोर्ट में सभी अधिकारी सशरीर पेश हुए.
जानिए पूरा मामला विस्तार से, क्यों हाई कोर्ट हुआ सख्त
21 अगस्त को भारत बंद हुआ था. इस दौरान जगह-जगह पर सड़क जाम कर दिया गया था. कई स्थानों पर तो वाहनों को नुकसान भी पहुंचाया गया था. सड़क जाम करने वाले लोग कई स्थानों पर ज्यादती करते देखे गए थे. यह भी देखा गया कि हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी आ रहे थे. बंद समर्थकों के उत्पात के दौरान कांके रोड में फंसे रह गए थे. लगभग आधे घंटे तक उनकी गाड़ी वहां पर फंसी रही उसके बाद जब रजिस्ट्रार जनरल ने डीजीपी को इसके बारे में जानकारी दी तब कहीं जाकर न्यायाधीश की गाड़ी को वहां से फिर निकाला गया.
कोर्ट ने यह कहा है की विधि व्यवस्था एकदम फेल है और साथ में यह भी टिप्पणी की गई है कि नेता मंत्री होते हैं तो आम लोगों के साथ किस तरह से व्यवहार किया जाता है. जब वे सड़क से गुजरते हैं.जस्टिस एस के द्विवेदी की कोर्ट ने इस मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की बेंच में ट्रांसफर कर दिया है. पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता,रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा,रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के अलावा सिटी एसपी सशरीर कोर्ट में पेश हुए.
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