धनबाद(DHANBAD): 15 करोड़ और 9 करोड़ के फेर में फंस गए हैं सिंफर के पूर्व निर्देशक डॉ पी के सिंह और मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर ए के सिंह. 140 करोड़ की प्रोत्साहन राशि घोटाले में धनबाद सीबीआई ने कार्रवाई तेज कर दी है. जानकारी के अनुसार सीबीआई ने पूर्व निदेशक डॉ पी के सिंह और मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर ए के सिंह के सभी 17 बैंक खातों के संचालन पर रोक लगवा दिया है. सीबीआई ने बैंकों को पत्र लिखकर ऐसा करने को कहां है. उसके बाद बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा दी गई है.
छापेमारी के दौरान पीके सिंह के 5 फ्लैटों के कागजात भी टीम के हाथ लगे हैं
140 करोड़ के प्रोत्साहन राशि घोटाले में धनबाद सीबीआई की एंटी करप्शन शाखा ने 25 जून को एफ आई आर दर्ज की थी. धनबाद सीबीआई की टीम ने 30 जून और 2 जुलाई को पीके सिंह और एके सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी. छानबीन में पीके सिंह व उनकी पत्नी और बच्चों के 12 तथा ए के सिंह और उनकी पत्नी के पांच बैंक अकाउंट का पता चला था. छापेमारी के दौरान पीके सिंह के 5 फ्लैटों के कागजात भी टीम के हाथ लगे हैं. धनबाद के धैया के अलावा बनारस, बंगलुरु में आलीशान फ्लैट खरीदने के कागजात मिले हैं. जबकि एके सिंह के पास से धनबाद की हाउसिंग कॉलोनी के अलावा ग्रेटर नोएडा में 3 फ्लैट के दस्तावेज मिले हैं. फिलहाल इन दस्तावेजों की जांच चल रही है. इसके अलावा बैंक लॉकर का भी पता चला है. हो सकता है कि सीबीआई की टीम उसे भी खंगाले.
करीब 8 करोड रुपए की संपत्ति का पता चला
सीबीआई ने खुलासा किया था कि 2016 से लेकर 2021 के बीच कोल सैंपलिंग प्रोजेक्ट में नियम को ताक पर रखकर 553 वैज्ञानिक, टेक्निकल ऑफिसर, टेक्निकल असिस्टेंट और कर्मचारियों में प्रोत्साहन राशि बांटी गई है. डॉ पी के सिंह ने 15 करोड़ 36लाख ₹72 हजार और मुख्य वैज्ञानिक ने बौद्धिक शुल्क के रूप में 9 करोड़ 4 लाख 31हजार रुपए लिए थे. यह राशि नियम के विरुद्ध ली गई है. सिंफर को पावर यूटिलिटी और कोयला कंपनियों की ओर से थर्ड पार्टी सेंपलिंग एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया था और कोयले की सैंपल विश्लेषण के काम की जिम्मेदारी दी गई थी. सीबीआई की जांच अभी जारी है. लेकिन अब तक पीके सिंह के ठिकानों से मिले दस्तावेज से करीब 8 करोड रुपए की संपत्ति का पता चला है .वही ए के सिंह के ठिकानों से 5 करोड़ से अधिक के इन्वेस्टमेंट का खुलासा हुआ है. अभी जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी खुलासे होते रहेंगे.
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