सदर अस्पताल में स्क्रीनिंग प्रशिक्षण का आयोजन, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर्स को दी गई कैंसर स्क्रीनिंग के लिए ट्रेनिंग
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रांची(RANCHI): रांची सदर अस्पताल में वीमेन डॉक्टर्स विंग आई.एम.ए. झारखंड ने स्क्रीनिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में सीएचओ, सहिया साथी और सहियाओं को सर्वाइकल, ब्रेस्ट और मुंह के कैंसर की व्यापक स्क्रीनिंग के लिए ट्रेनिंग दी गई. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम क्रमवार तरीके से रांची जिले में कार्यरत 300 सीएचओ, 150 सहिया साथी और 3 हजार साहियाओं को दिया गया. वहीं, दूसरे चरण में सोनाहातु प्रखंड में 22 मार्च को यह कार्यक्रम चलाया जाएगा.
इस कार्यक्रम में 50 कम्युनिटी हेल्थ वर्कर्स को 10 समूहों में विभाजित कर स्क्रीनिंग के जरिए प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान 200 सहियाओं और 50 सीएचओ को ब्रेस्ट व मुंह के कैंसर के लिए जांच विधि, लक्षण और बचाव के बारे में भी बताया गया. साथ ही सभी सहियाओं के बीच इससे जुड़े पेंप्लेटस का भी वितरण किया गया.
रांची के सिविल सर्जन ने कहा कि विमेन डॉक्टर विंग के साथ उन्होंने खूंटी, रामगढ़, रांची में भी व्यापक रूप से सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन पर काम किया है और अब साथ में मिलकर ओरल और ब्रेस्ट कैंसर पर भी काम कर रहे हैं. ताकि रांची जिले की सभी सहिया साथी, सहियागण और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर पूरी तरह से प्रशिक्षित हो जाएं और कोई भी कैंसर एडवांस स्टेज में न जाने पाए.
वहीं, डॉ. भारती कश्यप ने कहा कि क्रमवार तरीके से चलाए जा रहे इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है की जननांग संबंधी सूजन से ग्रसित 100% महिलाओं की पहचान की जा सके और उनका इलाज सही समय पर किया जा सके. साथ ही किसी भी तरह का कैंसर शुरुआती तौर पर ही पकड़ में आ जाए. लेकिन यह तभी संभव है जब पूरे राज्य की कम्युनिटी हेल्थ वर्कर्स यानी प्रशिक्षित नर्स और सहियाओं को विशेष प्रशिक्षण दी जाए.
इसलिए पहले पूरे झारखंड की सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को दिल्ली कोलकाता और अमेरिका से आई कैंसर स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा क्रमवार तरीके से प्रशिक्षण दिया गया और अब कम्युनिटी हेल्थ वर्कर यानी प्रशिक्षित नर्स और सहियाओं को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं, ताकि जननांग संबंधी सूजन के 100% मरीज की पहचान हो सके और कैंसर की भी शुरुआती दौर में पहचान हो सके. यहां तक कि 2021 में स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार और विमेन डॉक्टर विंग द्वारा बनाया गया झारखंड मॉडल इसी 100% जननांग संबंधी सूजन वाली महिलाओं की पहचान करने और इलाज पर आधारित है.
डॉ. भारती कश्यप ने कहा कि, झारखंड मॉडल WHO की सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन नीति के तीसरे भाग का संशोधित रूप है, जो विकासशील राज्यों के लिए बहुत ही अच्छा है. इसके अंतर्गत प्रजनन क्षमता वाली 6% ऐसी महिलाओं की स्क्रीनिंग सुनिश्चित की गई है, जिन्हें जननांग संबंधी सूजन के लक्षण हैं या जो सर्वाइकल कैंसर की हाई रिस्क कैटेगरी में आती हैं. इससे जननांग संबंधी सूजन की 100% महिलाओं की स्क्रीनिंग संभव है.
इस आशय का पत्र एनआरएचएम द्वारा कई बार सिविल सर्जनों को भेजा गया है और यह भी सुनिश्चित किया गया है कि प्रसव के 3 महीने के बाद भी महिलाएं जब चेकअप के लिए आती हैं तो उस समय उनकी और उनकी सहयोगी महिलाओं की भी जांच सुनिश्चित की जाए. इस झारखंड मॉडल से अब तक 4 लाख 70 हजार महिलाओं की जांच की गई है.
खतरनाक लक्षण:
डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि मेनोपोज के बाद की ब्लीडिंग और शारीरिक संबंध के बाद होने वाली ब्लीडिंग बहुत ही खतरनाक है. उन्होंने बताया कि महिलाओं को बदबूदार वाइट डिस्चार्ज का तुरंत इलाज कराना चाहिए. क्योंकि जननांग संबंधी सूजन इसका कारण है जो आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकती है. इसके अलावा ब्रेस्ट में दर्द रहित गांठ या स्तन के ऊपर सिकुड़ी हुई चमड़ी या निप्पल से किसी भी तरह का डिस्चार्ज खतरे का संकेत है. इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह तुरंत लें. अगर मुंह में सफेद या लाल रंग के पैच हैं या फिर छाला जो ठीक नहीं हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. मुंह का कैंसर होने पर कानों में दर्द, मुंह के किसी हिस्से का बड़ा होना, खाना निगलने में तकलीफ, दांतों का कमजोर होना, आवाज में परिवर्तन इत्यादि हो सकता है.
रोकथाम:
तंबाकू, धुम्रपान व शराब का निषेध कैंसर को रोकने के लिए बहुत जरुरी है.
सभी विवाहित अथवा यौन सक्रिय महिलाओं व प्रौढ़ महिलाओं को नियमित रूप से (विजुअल इंस्पेक्शन विथ एसिटिक एसिड) या पैप स्मियर टेस्ट जांच करवानी चाहिए.
सही जननांग स्वच्छता बनाये रखे.
स्वस्थ जीवन शैली, उचित शारीरिक वजन, संतुलित आहार और नियमित चिकित्सीय जांच बहुत जरुरी है.
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