धनबाद(DHANBAD) : डाक विभाग के इस अधिकारी की हिम्मत तो देखिए!! धनबाद के गोविंदपुर स्थित केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर में पदस्थापित हुए तो 9 करोड रुपए से अधिक का घोटाला किया. जब वासेपुर उप डाकघर में पदस्थापित थे तो 15 करोड रुपए से अधिक की गलत निकासी कर ली. सवाल उठता है कि डाकघर में क्या कोई ऐसा सिस्टम डेवलप नहीं किया गया है, जिससे कि गड़बड़ी का तुरंत पता चल सके. सूत्र बताते हैं कि गोविंदपुर स्थित केके पॉलिटेक्निक उप डाक घर में गड़बड़ी के बाद जब जांच आगे बढ़ी और यह पता लगाए जाने लगा कि किन-किन जगहों पर सुमित कुमार सौरभ पदस्थापित रहे, तो वासेपुर के डाकघर में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है. सूत्रों के अनुसार सुमित कुमार सौरभ की आईडी से ही वासेपुर के उप डाकघर में वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह गड़बड़ी की गई है.
डेपुटेशन पर गए दागी अधिकारी ने किया खेल
यह भी पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 21- 22 के दौरान तत्कालीन सब पोस्टमास्टर के स्थान पर सुमित कुमार सौरभ को डेपुटेशन पर भेजा गया था. इसी दौरान उनकी आईडी से लगभग 14 से 15 करोड रुपए की अतिरिक्त निकासी हुई है. इसकी जानकारी विभाग को भी नहीं थी. केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर मामले में सीबीआई ने जब मामला दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया ,तो यह बात सामने आई. दरअसल, सीबीआई ने मामला दर्ज कर यह पता लगाना शुरू किया कि सुमित कुमार सौरभ किन-किन उप डाकघर में प्रतिनियुक्त किए गए थे. इसे जब खंगाला गया तो यह बात सामने आई है. सूचना मिलने पर एस एसपी ने जाँच को एक विभागीय कमेटी का गठन कर दिया है. तीन सदस्य कमेटी इसकी जांच कर रही है. कमेटी में एक असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट के अलावा दो इंस्पेक्टर रखे गए है. तीनों अधिकारी लगातार मामले की जांच कर रहे है.
केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर में हुआ था खेल
बता दे कि धनबाद के गोविंदपुर स्थित केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर में हुए 9 करोड रुपए से अधिक के घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. सीबीआई की धनबाद एसीबी शाखा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है. अभी तक की जांच में 9 करोड़ 38 लाख 24 हज़ार के घोटाले का खुलासा हुआ है. सीबीआई ने हेरा फेरी के मास्टरमाइंड सुमित कुमार सौरभ सहित चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 2024 के 25 जनवरी को यह घोटाला तब सामने आया, जब केके पॉलिटेक्निक के एसओ ने एस ए पी डाटा के अनुसार एक करोड़ 80 लाख रुपए का अतिरिक्त बैलेंस ट्रेजरी में मिली थी. वरीय डाक अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए थे.
जांच में आने लगे चौंकाने वाले तथ्य
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे. पता चला कि जुलाई 18 फरवरी 2024 तक हेरा फेरी कर सरकारी खजाने को चूना लगाया गया है. 26 फरवरी को झारखंड सर्किल के मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल ने इस मामले में प्राथमिक की दर्ज करने के आदेश दिया था. सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया. घोटाले में मुख्य षड्यंत्रकारी तत्कालीन एस पीएम सुमित कुमार सौरभ के अलावा हेड पोस्ट ऑफिस के तत्कालीन पर्यवेक्षक परितोष लकड़ा, धनबाद हेड पोस्ट ऑफिस के तत्कालीन डाक सहायक शंकर भाटिया और धनबाद हेड पोस्ट ऑफिस के डाक सहायक उपलेखा भरत प्रसाद रजक की भूमिका सामने आई. चारों के खिलाफ केस दर्ज हुआ .
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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