दुमका(DUMKA): अगर पुरुषोत्तम मास नहीं लगता तो शायद सावन का महीना समाप्त हो गया होता. इसके बाबजूद अभी तक जितनी बर्षा होनी चाहिए उतना नहीं हुआ है. बर्षा नहीं होने से संथाल परगना प्रमंडल के किसान परेशान हैं. प्रमंडल सुखाड़ की तरफ बढ़ रहा है. प्रमंडल के सभी 6 जिलों में जून और जुलाई के महीने में औसत से कम बर्षा हुई है. जिसका सीधा असर कृषि पर देखने को मिल रहा है. संथाल परगना प्रमंडल कृषि प्रधान प्रमंडल है और यहां की कृषि मानसून पर निर्भर है. किसान आसमान की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे हैं.
प्रमंडलीय आयुक्त की बैठक के बाद कार्यालय द्वारा कृषि से संबंधित आंकड़ा जारी किया गया उसमें धान रोपनी का प्रतिशत काफी चौकाने वाला है. प्रमंडल में सबसे अधिक धान की रोपाई साहेबगंज जिला में 28℅ जबकि सबसे कम जामताड़ा जिला में 0.5℅ है. दुमका में 1℅ से कम, गोड्डा में 14.7℅, देवघर में 1.5℅ और पाकुड़ में 22℅ दर्ज किया गया है.
बैठक में सर्वप्रथम कृषि विभाग की समीक्षा की गई
लालचंद डाडेल आयुक्त संथाल परगना प्रमण्डल, दुमका की अध्यक्षता में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग अन्तर्गत संथाल परगना प्रमण्डल के सभी जिलों के सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की आयोजित की गई. बैठक में सर्वप्रथम कृषि विभाग की समीक्षा की गई. समीक्षा के क्रम में प्रमण्डल के सभी जिलों में वर्षापात एवं धान रोपनी की स्थिति की जानकारी ली गई. इस दौरान पाया गया कि कम वर्षापात होने के कारण दुमका जिला में धान रोपनी 1% से भी कम, गोड्डा जिला में 14.7%, देवघर में 1.5%, साहेबगंज में 28%, जामताड़ा में 0.5% तथा पाकुड़ में 22% ही हो पाया है जो कि अत्यंत कम है.
कृषि पदाधिकारियों को दिया ये निर्देश
कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की प्रमंडलीय बैठक में आयुक्त लालचंद डाडेल ने सभी जिला के कृषि पदाधिकारियों को धान की वैकल्पिक फसल के लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया. साथ ही क्षेत्र भ्रमण कर किसानों को इसके लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया. बैठक के दौरान पशुपालन एवं गव्य विकास विभाग, भूमि संरक्षण विभाग, उद्यान विभाग, मत्स्य विभाग एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लाभुकों तक ससमय पहुंचाने का निर्देश दिया ताकि किसानों को राहत मिल सके. वैसे तो दो दिनों से प्रमंडल के अलग अलग हिस्सों में कहीं कम तो कहीं ज्यादा बर्षा जरूर हुई लेकिन इस बर्षा से धान की रोपाई फिलहाल संभव नहीं लग रहा.
रिपोर्ट: पंचम झा
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