दुमका (DUMKA): भारत की राष्ट्रीय भाषा हिन्दी है लेकिन इंग्लिश का क्रेज इतना बढ़ गया कि गली मोहल्लों में स्पोकन इंग्लिश कोर्स के लिए संस्थान खुल गए. खास कर हिंदी भाषी क्षेत्र के लोग तब कहीं प्राइवेट जॉब के लिए भी अन्य प्रांतों में जाते है तो स्पोकन इंग्लिश के मामले में पिछड़ जाते हैं.
समय बदला, समय के साथ लोगों की जरूरत बदली. खासकर झारखंड के परिदृश्य में देखें तो यहां सरकारी सेवा में आने वाले लोगों को क्षेत्रीय भाषा की जानकारी नहीं होने के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. संताल परगना प्रमंडल की क्षेत्रीय भाषा संताली है और साहेब से लेकर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी तक संताली भाषा की जानकारी नहीं होने पर समय-समय पर परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के संताल अकादमी द्वारा संताली स्पोकन कोर्स की शुरुवात की गई है, जिसका विधिवत उद्घाटन कर दिया गया है.
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ सोना झारिया मिंज की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के मिनी कॉन्फ्रेंस हॉल में "संताली स्पोकन कोर्स" का उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत अमर शहीद सिदो कान्हू मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं विश्वविद्यालय कुलगीत गाकर शुरू किया गया.
डॉ सुजीत कुमार सोरेन ने कोर्स के पाठ्यक्रम पर डाला प्रकाश
डॉ सुजीत कुमार सोरेन ने स्वागत भाषण में सबका स्वागत करते हुए कोर्स के पाठ्यक्रम पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह 90 घंटे का कोर्स है और पाठ्यक्रम बहुत ही सहज बनाया गया है. कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राएं बहुत ही सरलता से संताली सीख सकते हैं और बोल सकते हैं. आम बोलचाल एवं सभी जगह उपयोग में आने वाले शब्द एवं भाषा का समावेश सिलेबस में शामिल हैं. निश्चय ही यह कार्यक्रम संताल परगना एवं झारखंड में लाभदायक साबित होगी.
कार्यक्रम का अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ) सोना झारिया मिंज ने कहा कि यह कोर्स संताल परगाना और झारखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगा. यहां डिग्री की पढ़ाई तो होती ही है इसके साथ ही संताल अकादमी द्वारा इसका पहल करना यहां के संताली भाषा प्रेमियों के लिए हर्ष का विषय है. यह संताल बाहुल्य इलाका है. यहां कई पदाधिकारी ऐसे हैं जो संताली में संवाद नहीं कर सकते हैं. उनके लिए यह सबसे अच्छा अवसर है कि संताली भाषा कोर्स में दाखिला प्राप्त करके संताली भाषा सीखे और यहां के लोगों के साथ संताली भाषा में संवाद स्थापित करें. विश्वविद्यालय के पदाधिकारी और शिक्षक भी इस कोर्स का लाभ उठा सकते हैं. कोर्स का शुरुआत होने से संताली भाषा के साथ-साथ साहित्य और संस्कृति का भी विकास होगा. इसलिए इस कोर्स को निरंतर और सुचारु रूप से चलाना जरूरी है.
संताली भाषा सीखने का अच्छा अवसर होगा साबित. डीसी रवि शंकर
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीसी रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि संताल अकादमी और यूनिवर्सिटी ने संताली भाषा क्षेत्र में बहुत बड़ा काम किया है, जिस चीज की आवश्यकता थी उन्होंने उसकी शुरुआत करके निश्चित तौर पर ऐतिहासिक काम किया है. संताल अकादमी की बहुत बड़ी उपलब्धि साबित होगा. इस कोर्स की शुरुआत से जो संताली भाषा नहीं जानते हैं. उनके लिए सीखने का एक अच्छा अवसर साबित होगा साथ ही साथ संताल परगाना में जितने भी पदाधिकारी और कर्मचारी है, यहां के लोगों के साथ संताली भाषा मे संवाद करने में जो परेशानी होती है. वह इस कोर्स में दाखिला प्राप्त करके अपनी कठिनाई दूर कर सकते हैं. सहजता के साथ यहां के लोगों के साथ संताली भाषा में संवाद स्थापित कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि मैं अपने स्तर से जिला के कर्मचारी को इस पोस्ट में दाखिला लेने के लिए प्रेरित करूंगा और समय-समय में मैं भी इस कक्षा का लाभ प्राप्त करने का कोशिश करूंगा.
उन्होंने आगे कहा कि यहां के भूतपूर्व पदाधिकारियों ने मेहनत करके यहां के लोगों के दिल में अपना जगह स्थापित किया था. संताली भाषा सीखा था. विदेश से आए शोधार्थियों ने भी संताली भाषा सीखने के बाद कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी जिसमें रॉबर्ट कास्टियर्स एवं पी ओ बोडिंग जैसा महत्वपूर्ण नाम शामिल है. यहां का भाषा और संस्कृति बहुत ही धनी है. इस कोर्स की शुरुआत से भाषा के साथ-साथ साहित्य का भी उत्थान होगा. इस कोर्स की शुरुआत करने से यहां के पदाधिकारी/कर्मचारीयों के पदोन्नति में भी सहायक सिद्ध होगी. उपायुक्त ने कहा कि यहां आने के बाद मैं थोड़ा बहुत संताली सीख चुका हूं और आगे सीखने का प्रयास कर रहा हूं इसलिए मेरे लिए भी यह बेहतर अवसर है.
सभा को विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ संजय कुमार सिन्हा ने भी संबोधित किया एवं संताल अकादमी के सचिव डॉ सुशील टुडू ने धन्यवाद भाषण दिया. अपने धन्यवाद भाषण डॉ टुडू ने कहा कि यह कोर्स शुरू करने का श्रेय विश्वविद्यालय के कुलपति को जाता है. इसके लिए इन्होंने हम सभी को प्रेरित किया. संताल आदमी के सदस्य और विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने इसको गंभीरता पूर्वक लिया तभी यह उद्घाटन संभव हो सका है. साथ ही इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उपस्थित सभी पदाधिकारी, कर्मचारी शिक्षक एवं छात्र छात्राओं का आभार व्यक्त करते हैं.
कार्यक्रम में डॉ हशमत अली, डॉ विजय कुमार, डीन डॉ आरकेएस चौधरी, डॉ शर्मिला सोरेन, प्रो होलिका मरांडी, विश्वविद्यालय जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ शंभू कुमार सिंह, डॉ विनोद शर्मा, डॉ विनोद मुर्मू, निर्मल मुर्मू, सिद्धौर हांसदा, मिलू रजक अधिवक्ता, राजकुमार उपाध्याय अधिवक्ता, इग्नासियस मराण्डी, अमित मुर्मू एवं संताली तथा कॉमर्स के सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
रिपोर्ट: पंचम झा
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